EVM के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट गया था सियासी दल, याचिका ख़ारिज, 50 हज़ार का जुर्माना भी लगा

नई दिल्ली: सर्वोच्च न्यायालय में EVM मशीनों के विश्वसनीयता को लेकर सवाल खड़े करते हुए याचिका दाखिल की गई थी। यह याचिका मध्यप्रदेश जन विकास पार्टी ने दाखिल की थी। शीर्ष अदालत ने यह याचिका ख़ारिज कर दी और पार्टी पर 50 हजार का जुर्माना भी लगाया। याचिका दाखिल करने वाली पार्टी को न्यायमूर्ति संजय किशन ने लताड़ लगाते हुए कहा की जब पार्टी मतदान द्वारा मान्यता प्राप्त करने में नाकाम रही, तो उन्होंने मान्यता प्राप्त करने के लिए याचिका दाखिल कर दी।

उन्होंने कहा की कोई भी आ कर पब्लिसिटी ले ले, कोर्ट वो स्थान नहीं है। मध्य प्रदेश जन विकास पार्टी ने अपनी याचिका में निर्वाचन आयोग (ECI) को EVM में खामियों को दूर करने के लिए असरदार उपाय करने के निर्देश देने की मांग की थी। लेकिन शीर्ष अदालत ने यह याचिका ख़ारिज कर दी। सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि चुनाव प्रक्रिया की दशकों से निर्वाचन आयोग द्वारा EVM के जरिए की जाती है। उन्होंने यह भी कहा कि जिस पार्टी को वोटर्स से ही मान्यता नहीं मिली हो, वह ऐसी याचिकाओं के जरिए मान्यता प्राप्त करने की कोशिश कर रही है।

वहीं, मध्य प्रदेश जन विकास पार्टी के वकील ने कोर्ट में कहा की EVM तक सिर्फ कंपनी के इंजीनियरों की ही पहुच है। अगर EVM के साथ कोई समस्या है, तो यह कंपनी के इंजीनियर हैं जो इससे निपटते हैं, न कि आयोग के इंजीनियर। इसे इजाजत नहीं दी जानी चाहिए, क्योंकि इसमें छेड़छाड़ की आशंका है। हम चुनाव में EVM के इस्तेमाल के विरुद्ध नहीं हैं। हमें केवल कुछ चेक और बैलेंस चाहिए।

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