सुप्रीम कोर्ट से एनसीपी नेता अजित पवार को बड़ा झटका, जांच रोकने की मांग वाली याचिका खारिज

नई दिल्ली: सर्वोच्च न्यायालय से सोमवार को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के वरिष्ठ नेता और राज्य के पूर्व उप मुख्यमंत्री अजित पवार को बड़ा झटका लगा है. शीर्ष अदालत ने को-ऑपरेटिव बैंक घोटाले में जांच रोकने की मांग वाली याचिका ठुकरा दी है. सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र पुलिस से इस मामले में निष्पक्ष जांच के निर्देश जारी किए हैं. यह घोटाला लगभग 5 हजार करोड़ रुपये से अधिक का है. 

न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा और न्यायमूर्ति एमआर शाह की बेंच ने मामले की सुनवाई करते हुए जांच में दखल देने से साफ़ इनकार कर दिया है. अदालत ने कहा है कि इस परिस्थिति में जांच को नहीं रोका जा सकता. इसके साथ ही सर्वोच्च न्यायालय ने उच्च न्यायालय के एफआईआर दर्ज करने के आदेश को भी यथावत रखा है.

यह स्पेशल लीव पिटीशन  राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के वरिष्ठ नेता और राज्य के पूर्व उप मुख्यमंत्री अजित पवार सहित 50 से ज्यादा आरोपियों द्वारा दाखिल की गई थी. याचिका में मुंबई उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती दी गई थी. बॉम्बे उच्च न्यायालय ने बीते 22 अगस्त को एनसीपी नेता अजित पवार और 69 अन्य के खिलाफ महाराष्ट्र स्टेट को-ऑपरेटिव बैंक घोटाले में प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया था, अब इस प्राथमिकी के आधार पर मामले की जांच की जाएगी. 

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