नई दिल्ली: त्रिपुरा (Tripura) में चल रहे स्थानीय निकाय चुनावों के बीच सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने केंद्र सरकार को कड़ा निर्देश जारी कर दिया है। कोर्ट का कहना है, 'Central Armed Police Force (CAPF) की दो कंपनियों को जल्द ये जल्द त्रिपुरा भेजा जाए।' इसी के साथ कोर्ट ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को तुरंत कदम उठाने के भी सख्त निर्देश दिए हैं। वहीं कोर्ट ने चुनावों में सीसीटीवी की अनुपस्थिति में प्रिंट और इलेक्ट्रानिक मीडिया को बेरोक-टोक चुनाव की कवरेज की इजाजत देने को कहा है। अपने निर्देश में कोर्ट ने यह कहा है कि, 'राज्य चुनाव आयोग और अधिकारी इस आदेश का पालन करेंगे।' Koo App COMPLETE LAWLESSNESS IN AGARTALA! SHAME ON BJP Tripura! Hear from our candidates Panna Deb and Padma Bhattacharya. View attached media content - AITC Tripura (@AITC4Tripura) 25 Nov 2021 सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि, 'निकाय चुनाव शुरू हो चुके हैं, इसलिए स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव के लिए वहां तुरंत केंद्रीय सुरक्षा बल भेजा जाए। बिना किसी व्यवधान के वोटिंग सुनिश्चित किया जाए।' इसी के साथ कोर्ट ने DGP, IGP और MHA को लगातार हालात की समीक्षा करने को कहा है। जी दरअसल कोर्ट ने अपने निर्देश में यह कहा है कि, 'शीर्ष अधिकारी हालात की समीक्षा कर सुझाव देंगे कि क्या वहां और अधिक सुरक्षाबलों की जरूरत है। राज्य चुनाव आयोग यह सुनिश्चित करेगा कि प्रत्येक मतदान बूथ पर पर्याप्त CAPF हो ताकि स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव हो सके।' यहीं इस दौरान त्रिपुरा सरकार की तरफ से पेश हुए वकील महेश जेठमलानी ने कहा, 'मतदान पूरी तरह से शांति से चल रहा है और केवल याचिकाकर्ता और हस्तक्षेपकर्ता ही बाधा डाल रहे हैं।' वहीं इस पर गोपाल शंकरनारायण का कहना है कि, "वहां पूरा आतंक चल रहा है। मेरे पास यह साबित करने के लिए वीडियो हैं लेकिन मैं वीडियो को बेंच में दिखाने की स्थिति में नहीं हूं।" सुप्रीम कोर्ट से ममता बनर्जी को झटका, नहीं टलेंगे त्रिपुरा के निकाय चुनाव गलवान हिंसा: ऊंचाई से पथराव, धारदार हथियारों से हमला..., सबकुछ झेला लेकिन चीन को आगे नहीं बढ़ने दिया क्या सच में त्रिपुरा में जलाई गई मस्जिद और क़ुरान ? जिसकी आड़ में महाराष्ट्र भी झुलसा