पेट के अल्सर को न करे नज़रअंदाज, जाने लक्षण और उपचार

पेट में कई तरह की समस्याए खान पान की गड़बड़ी के कारण होती है इनमे से एक है पेट में अल्सर की समस्या जो खान पान गड़बड़ी या गलत पदार्थो के सेवन से हो जाती है. अक्सर खाने में तीखा खाने वालो को ये समस्या देखने को मिलती है इसका मुख्य कारण पेट में पाए जाने वाले एसिड में होने वाले परिवर्तन के कारण होता है इसके साथ-साथ ज्यादा तला-भुना, मसालेदार खाना और चाय-कौफी लेना पेट में ऐसिड के स्तर को बढ़ाता है, जिससे अल्सर का खतरा बढ़ जाता है.

पेट में अल्सर की समस्या होने पर इसका शुरुआत में जांच कर रोकथाम किया जा सकता है इसके लक्षणों में ऐसिडिटी होना, पेट फूलना, गैस बनना, बदहजमी, डायरिया, कब्ज, उलटी, आंव, मितली व हिचकी आना प्रमुख हैं. इसके अलावा तला-भुना और मसालेदार खाना पेट में एच. पायलोरी बैक्टीरिया को फलनेफूलने का वातावरण देता है. इस कारण धीरे-धीरे अल्सर की समस्या पैदा हो जाती है. खून की उलटी हो या घंटों या दिनों पहले खाया भोजन उलटी में निकले अथवा हमेशा मतली जैसी महसूस होती हो, तो यह अल्सर के गंभीर लक्षण हैं. असामान्य रूप से कमजोरी या चक्कर महसूस हो, मल में रक्त आता हो, अचानक तेज दर्द उठे जो दवाई लेने पर भी दूर न होता हो और दर्द पीठ तक पहुंचे, वजन लगातार घटने लगे, तो ये लक्षण गंभीर पेप्टिक अल्सर के संकेत हैं.

इसके उपचार के लिए कुछ टिप्स आपके साथ शेयर कर रहे है जिनसे आप अपनाकर कुछ राहत पा सकते है लेकिन डॉक्टरी सलाह लेना आवश्यक है :

-इस समस्या में पुदीने का इस्तेमाल करे पुदीना पेट को ठंडा रखता है. इसे पानी में उबाल कर या मिंट टी के रूप में लिया जा सकता है.

इसके अलावा पेट की सेहत के लिए वरदान माने जाने वाली अजवाइन का सेवन भी कर सकते है अजवाइन पेट को हलका रखती है और दर्द से भी राहत दिलाती है.

दांतो में होने वाला तेज़ दर्द कहीं इन गंभीर बीमारियों के तरफ इशारा तो नहीं , ऐसे करे इलाज

चूहे के काटने को न ले हलके में , वार्ना हो सकते है इन खतरनाक बीमारियों के शिकार

ठण्ड के मौसम में नहाने का नहीं होता मन तो ये हैक्स आएंगे आपके काम , जाने

 

Related News