जन्माष्टमी पर करें श्रीकृष्ण अष्टक का पाठ, मिट जाएंगे सारे संताप

नई दिल्ली: इस वर्ष श्री कृष्ण जन्माष्टमी 24 अगस्त को मनाई जाएगी। इस दिन भगवान कृष्ण का जन्म हुआ था। इसीलिए इस दिन श्री कृष्ण को बाल रूप में झूले में झुलाया जाता है और उन्हें भोग लगाया जाता है। वैसे तो मुरली मनोहर श्री कृष्ण अपने भक्तों को समस्या में देखकर दौड़े चले आते हैं। फिर भी उनका विशेष अनुग्रह प्राप्त करने के लिए कुछ विशेष श्लोक, मंत्र, आरती, चालीसा आदि बनाए गए हैं। ऐसे में आज हम आपके लिए लाए हैं श्रीकृष्ण अष्टक, जिसका पाठ जन्माष्ठमी पर विशेष फलदायी माना जाता है।  

चतुर्मुखादि-संस्तुं समस्तसात्वतानुतम्‌।   हलायुधादि-संयुतं नमामि राधिकाधिपम्‌॥1॥     बकादि-दैत्यकालकं स-गोप-गोपिपालकम्‌।   मनोहरासितालकं नमामि राधिकाधिपम्‌॥2॥     सुरेन्द्रगर्वभंजनं विरंचि-मोह-भंजनम्‌।   व्रजांगनानुरंजनं नमामि राधिकाधिपम्‌॥3॥   मयूरपिच्छमण्डनं गजेन्द्र-दन्त-खण्डनम्‌।   नृशंसकंशदण्डनं नमामि राधिकाधिपम्‌॥4॥     प्रसन्नविप्रदारकं सुदामधामकारकम्‌।   सुरद्रुमापहारकं नमामि राधिकाधिपम्‌॥5॥     धनंजयाजयावहं महाचमूक्षयावहम्‌।   पितामहव्यथापहं नमामि राधिकाधिपम्‌॥6॥   मुनीन्द्रशापकारणं यदुप्रजापहारणम्‌।   धराभरावतारणं नमामि राधिकाधिपम्‌॥7॥     सुवृक्षमूलशायिनं मृगारिमोक्षदायिनम्‌।   स्वकीयधाममायिनं नमामि राधिकाधिपम्‌॥8॥     इदं समाहितो हितं वराष्टकं सदा मुदा।   जपंजनो जनुर्जरादितो द्रुतं प्रमुच्यते॥9॥     ॥ इति श्रीपरमहंसब्रह्मानन्दविरचितं कृष्णाष्टकं सम्पूर्णम्‌ ॥  

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