उत्तरप्रदेश विधानसभा में मिले पावडर को लेकर फिर हो सकती है जांच

लखनऊ। उत्तरप्रदेश विधानसभा में 12 जुलाई 2017 को मिले संदिग्ध पावडर के मामले में कहा गया है कि जो संदिग्ध पाउडर विधानसभा में मिला था उसे पीईटीएन करार देने वाले फोरेंसिंक साईंस विभाग के निदेशक पर कार्रवाई की जा सकती है। दरअसल आगरा की फोरेंसिक लैब ने जो जाॅंच की थी उसमें पाउडर के पीईटीएन होने की पुष्टि नहीं हुई थी।

निदेशक श्याम बिहारी उपाध्याय को इस मामले में निलंबित करने की सिफारिश कर दी है इस सिफारिश को सरकार को भेज दिया गया है। उत्तरप्रदेश के डीजीपी सुलखान सिंह ने गृह विभाग को श्याम बिहारी उपाध्याय के निलंबन को लेकर रिकमेंडेशन किया है।

हालांकि उपाध्याय पर आरोप लगाया गया है कि उन्होंने इस मामले में लापरवाही बरती है। जो संदिग्ध पाउडर बरामद हुआ उसे जाॅंच हेतु राष्ट्रीय जाॅंच एजेंसी एनआईए ने जाॅंच हेतु चंडीगढ़ भेज दिया है। माना जा रहा है कि श्याम बिहारी उपाध्याय पर सीएम योगी आदित्यनाथ सरकार जल्द ही कोई निर्णय ले सकती है।

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