इंदौर: आज की खबर आपको सोचने पर मजबूर कर देगी. स्कूल-कॉलेज के विद्यार्थी जिस नोटबुक का प्रयोग करते हैं, उसमें कई पेज शेष रह जाते हैं. वे इस पूरी नोटबुक को कबाड़ी को बेच देते हैं. इन खाली पेजों का सही प्रयोग करने के लिए शहर के 35 युवा अनोखी पहल कर रहे हैं. जिसमें स्कूल-कॉलेजों में युवाओं की टीम जाकर उपयोग की हुई कॉपियां एकत्रित कर रही है, और फिर इसमें से खाली पेजों को निकालकर नई कॉपियां बना रहे हैं. बीते दो महीने में युवाओं ने संस्थानों से डेढ़ लाख पेज एकत्रित किए हैं. जिससे 650 नोटबुक तैयार की गई हैं. तैयार की गई नोटबुक को जरूरतमंदों को दिया जा रहा हैं. युवा समूह के शुभम मेहरू ने बताया है कि पर्यावरण को स्थिर रखना बड़ी चुनौती का कार्य होता है. हम कागज का जितना उपयोग करेंगे, उतना असर हरियाली पर पड़ेगा. एक बड़े पेड़ से लगभग आठ हजार कागज के पेज बनते हैं. ऐसे में हम कॉपी की दूसरी और के पेज का भी उपयोग करने लग जाएं तो कई जरूरतमंदों को कॉपी भी दे सकते हैं. इसी के साथ पर्यावरण को बेहतर रखने में भी अपना योगदान दे सकते हैं. इन खाली पेजों को जोड़कर खुद ही हम कॉपी तैयार कर सकते हैं. हमारी टीम ने कॉपी बनाते समय कवर पेज पर क्रिएटिविटी का उपयोग किया है. किसी पर ड्राइंग बनाई है तो किसी पर एनिमल्स के फोटो चिपकाए गए हैं. इस पहल पर समूह के सदस्यों ने कहा कि इस की शुरुआत अजीम प्रेमजी यूनिवर्सिटी से हुई थी. कई शहरों के युवा इस कोशिश को आगे ले जा रहे हैं. वहीं, समूह में सभी विद्यार्थी जुड़े हुए हैं. इंदौर के देवी अहिल्या यूनिवर्सिटी के अतिरिक्त अन्य कॉलेजों के विद्यार्थी भी इस मुहिम में जुड़ हुए हैं. यूनिवर्सिटी के विद्यार्थियों को स्टॉल लगाकर कॉपी वितरित की गई है. इस पहल में जल्द ही स्कूल और कॉलेजों के विद्यार्थियों को खुद कॉपी तैयार करना भी सिखाया जाएगा. यह एक ऐसी पहल है जिसमें हम पर्यावरण को कुछ हद तक बचा सकते है. आप पार्षद ताहिर हुसैन के खिलाफ मामला दर्ज, पुलिस कर सकती है गिरफ्तार स्कूलों में ऐसे छुड़वाई जाएगी विद्यार्थियों में जंक फूड की आदत 'बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ' के तहत आयोजित की गई करियर काउंसिलिंग