नूंह में शोभायात्रा पर हमला करने राजस्थान से भी आए थे दंगाई, स्थानीय कट्टरपंथियों के साथ मिलकर की हिंसा - रिपोर्ट

चंडीगढ़: हरियाणा के मुस्लिम बहुल इलाके मेवात में लगी हिंसा की आग में कट्टरपंथी तत्व अब तक हाथ सेंक रहे हैं। इस हिंसा में 6 लोगों की हत्या हो चुकी हैं, दर्जनों घायल हैं। 93 FIR दर्ज की जा चुकी हैं और 176 दंगाइयों को अरेस्ट किया है। हजारों की तादाद में लोगों का विस्थापन हुआ है। ये सबकुछ 31 जुलाई को सावन सोमवार को प्राचीन शिव मंदिर पर जलाभिषेक करने जा रही शोभायात्रा पर हुए हमले के बाद से हो रहा है। जिसमें स्थानीय मुस्लिम तो शामिल थे ही, बाहर से विशेष तौर पर हमलावर भी बुलाए गए थे।

नूहं में ये सबकुछ इतने प्लान्ड तरीके से अंजाम दिया गया है कि हमलावर अब पीड़ित बन चुके हैं, वहीं वास्तविक पीड़ित बहुसंख्यकों को कोई पूछने वाला ही नहीं रहा है। इस बीच, नूहं के सरपंच एसोसिएशन के मुखिया ने साफ तौर पर स्वीकारा है कि हिंसा में शामिल लोगों में उनके गाँव के लोग भी शामिल हैं। सरपंच एसोसिएशन के मुखिया रफीक ने मीडिया से बात करते हुए कैमरे पर इस बात को स्वीकार किया है कि लूट में भी और हिंदुओं पर किए गए हमले में भी उनके गाँव के लोग शामिल हैं। ये सभी हमलावर 20 से 30 साल के है। उसके बाद से वो सभी फरार हो गए हैं।

रफीक ने आगे कहा कि 7 लोग इन सब कामों में शामिल हैं, उन्हें हम बचाएँगे नहीं, बल्कि पुलिस के हवाले कर देंगे। हालाँकि लोगों का नाम उन्होंने नहीं बताया है। वहीं, एक अन्य स्थानीय व्यक्ति और दंगों के चश्मदीद इरफान ने कहा कि स्थानीय लोगों के साथ तनाव हुआ ही था कि राजस्थान और हरियाणा के फिरोजपुर झिरका से आए हमलावरों ने भी पिकअप से जा रही यात्रा के साथ चल रही गाड़ी में टक्कर मार दी। बाहर से कई गाड़ियाँ आई थी, और उनके ऐसा करने के बाद ही झड़प शुरू हो गई। उन्होंने (हमलावरों ने) बाकायदा टी-प्वॉइंट को इसके लिए चुना और हमलों को अंजाम दिया।

रिपोर्ट में ये भी बताया गया है कि अरावली की पहाड़ियाँ दंगाइयों के लिए किसी किले के जैसे काम कर रही है। वहाँ पर बैठकर दंगाई, पुलिस की हर हरकत पर नजर रखे हुए हैं। पुलिस की गाड़ियों को देखते ही वो यहां-वहां जाकर छिप जाते हैं। इस समय अरावली की पहाड़ियों पर 500 से अधिक लोग छिपे हुए हैं। इसमें कुछ स्थानीय ग्रामीण भी हैं, जो पुलिस से छिपे हैं, तो बड़ी तादाद में दंगाई भी यहां छिपे हुए हैं। अब ये पुलिस पर है कि वो ‘मासूम लोगों’ की पहचान करे और दंगाइयों पर कार्रवाई करे।

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