सोमवती अमावस्या के दिन करें राहु स्तोत्र का पाठ, दूर होगी हर अड़चन

सावन, सोमवार एवं सोमवती अमावस्या ये तीनों ही शिव को अति प्रिय है. 17 जुलाई 2023 को सावन की हरियाली अमावस्या पर सोमवती अमावस्या एवं सावन सोमवार दोनों है. ऐसे में महादेव की पूजा के लिए ये दिन किसी त्योहार से कम नहीं माना जा रहा है. सावन की हरियाली अमावस्या पर स्नान-दान एवं कुछ विशेष पौधे लगाने से पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है तथा ग्रहों के अशुभ प्रभाव कम हो जाते हैं. 

सोमवती अमावस्या के दिन करें राहु स्तोत्र का पाठ:- सोमवती अमावस्या के दिन राहु स्तोत्र का पाठ करना चाहिए। धार्मिक मान्यता के मुताबिक, अमावस्या के दिन राहु अधिक हावी रहते हैं. ऐसे में इस स्तोत्र का पाठ राहु के बुरे असर को नियंत्रित करता है. इसके साथ ही राहु के दोष से भी मुक्ति दिलाता है तथा नकारात्मक ऊर्जा को भी दूर करता है.

राहु स्तोत्र:- राहुर्दानव मन्त्री च सिंहिकाचित्तनन्दनः ।   अर्धकायः सदाक्रोधी चन्द्रादित्यविमर्दनः ॥ 1 ॥     रौद्रो रुद्रप्रियो दैत्यः स्वर्भानुर्भानुमीतिदः ।   ग्रहराजः सुधापायी राकातिथ्यभिलाषुकः ॥ 2 ॥     कालदृष्टिः कालरुपः श्रीकष्ठह्रदयाश्रयः ।   विधुंतुदः सैंहिकेयो घोररुपो महाबलः ॥ 3 ॥     ग्रहपीडाकरो द्रंष्टी रक्तनेत्रो महोदरः ।   पञ्चविंशति नामानि स्मृत्वा राहुं सदा नरः ॥ 4 ॥     यः पठेन्महती पीडा तस्य नश्यति केवलम् ।   विरोग्यं पुत्रमतुलां श्रियं धान्यं पशूंस्तथा ॥ 5 ॥     ददाति राहुस्तस्मै यः पठते स्तोत्रमुत्तमम् ।  सततं पठते यस्तु जीवेद्वर्षशतं नरः ॥ 6 ॥ 

॥ इति श्रीस्कन्दपुराणे राहुस्तोत्रं संपूर्णम् ॥  

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