रामधारी सिंह दिनकर की पुण्यतिथि पर पढ़ें उनकी प्रेरणादायी कविता- 'कलम, आज उनकी जय बोल'

राष्ट्रकवि रामधारी सिंह 'दिनकर' की आज पुण्यतिथि है, भारतीय साहित्य में 'दिनकर' वह नाम है, जिनकी कविताएं युवाओं के रक्त में उबाल ला देती थी, जिनकी कविताओं की एक - एक पंक्ति से सभी में जोश भर जाता था.  

जला अस्थियाँ बारी-बारी चिटकाई जिनमें चिंगारी, जो चढ़ गये पुण्यवेदी पर लिए बिना गर्दन का मोल कलम, आज उनकी जय बोल।

जो अगणित लघु दीप हमारे तूफानों में एक किनारे, जल-जलाकर बुझ गए किसी दिन माँगा नहीं स्नेह मुँह खोल कलम, आज उनकी जय बोल।

पीकर जिनकी लाल शिखाएँ उगल रही सौ लपट दिशाएं, जिनके सिंहनाद से सहमी धरती रही अभी तक डोल कलम, आज उनकी जय बोल।

अंधा चकाचौंध का मारा क्या जाने इतिहास बेचारा, साखी हैं उनकी महिमा के सूर्य चन्द्र भूगोल खगोल कलम, आज उनकी जय बोल

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