कर्फ्यू के बाद भी जलता रहा जोधपुर, ईद की नमाज़ के बाद सड़कों पर उतरी मुस्लिम भीड़, घरों पर फेंकी तेज़ाब की बोतलें

जयपुर: राजस्थान के जोधपुर में लगातार दूसरे दिन भी हिंसा जारी रही, वो भी तब जब जिले के कई हिस्सों में कर्फ्यू लागू कर दिया गया है। एक बार फिर पूरी साजिश के तहत दंगाई सड़क पर उतरे और उन्होंने जमकर उत्पात मचाया। घरों पर तेजाब से भरी बोतलें फेंकी गईं। बीच सड़क पर तलवारें लहराई गईं। ‘कबूतरों का चौक’ नामक जगह पर दीपक परिहार नामक एक युवक की पीठ में चाक़ू मार दिया गया। महात्मा गाँधी अस्पताल में उक्त युवक का उपचार चल रहा है, जहाँ उसकी पीठ में से चाकू निकाला गया।

दंगाइयों ने जोधपुर शहर के 14 से ज्यादा मोहल्लों में मंगलवार (3 मई, 2022) को जमकर हिंसा की। जालोरी गेट से ये दंगा शुरू हुआ और शहर की कई गलियों में फैल गया। जालपा मोहल्ले में MLA के घर के बाहर ही बाइक को आग के हवाले कर दिया गया। दंगाइयों ने मजहबी नारों के साथ बाइक रैली भी निकाली और सोनारो मोहल्ला में तलवारें लहराते हुए लोगों के घरों पर तेजाब भरी बोतलें और पत्थर फेंके। आत्मरक्षा के लिए स्थानीय लोगों को भी सामने आना पड़ा।

ऐसा लग रहा था जैसे साजिश के तहत प्रत्येक मोहल्ले में अलग-अलग समूह को दंगा करने के लिए भेजा गया था। इस दौरान 40 से ज्यादा गाड़ियों में तोड़फोड़ की गई और विरोध करने आए लोगों की पिटाई की गई। इससे पहले हुए दंगों में शहर के कई ATM बूथ तोड़ दिए गए हैं। ताज़ा हिंसा में कई पुलिसकर्मी भी जख्मी हुए हैं। जोधपुर के 10 इलाकों में कर्फ्यू लागू है। केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा है कि दंगाई भीड़ मजहबी नारेबाजी के साथ हिंसा करती रही और पुलिस देखती रही।

उन्होंने कहा कि, 'सीएम अशोक गहलोत के गृह जिले में हिंसा हो रही है, मगर एक दिन तक उन्होंने कोई ट्वीट तक नहीं किया। फिर उन्होंने गुलदस्ते लेकर न आने का आग्रह किया। रोम जल रहा था और नीरो बाँसुरी बजा रहा था – ये वही बात हो गई। मुख्यमंत्री का शहर जल रहा था और वो गुलदस्ते लेने में व्यस्त थे।' स्वतंत्रता सेनानी बालमुकुंद बिस्सा की मूर्ति पर भी इस्लामी झंडे लगा दिए गए। परशुराम जयंती पर लगे केसरिया ध्वज को हटा दिया गया।

वहीं, दंगाइयों को खदेड़ने के लिए पुलिस को आँसू गैस के गोले छोड़ने पड़े और लाठी चार्ज भी करना पड़ा। मुस्लिम युवकों ने सर्किल पर लगे हिन्दू ध्वज का तिरस्कार करते हुए उसे हटा दिया। नमाज के बाद दंगे की घटनाएँ शुरू हुईं। फ़िलहाल बड़ी तादाद में पुलिसकर्मियों को वहाँ तैनात किया गया है। ईदगाह के चारों ओर भी पुलिस बलों को तैनात किया गया है। 

 

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हिन्दू नववर्ष के दिन करौली में दंगे के बाद अब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जी के गृहजिले जोधपुर के जालोरी गेट में हिंसक झड़प की घटना गहलोत सरकार के माथे पर कलंक है। गहलोत सरकार की तुष्टिकरण की नीति के कारण शांतिप्रिय राजस्थान में साम्प्रदायिक सद्भाव बिगाड़ने की दर्जनों भर घटनाएं हुई है। #Jodhpur #Rajasthan - Rajendra Rathore (@RajendraRathore4BJP) 3 May 2022

 

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कल देर रात हुआ मजहबी उपद्रव मेरे जोधपुर की तासीर नहीं है। यहां ये कृत्य स्वीकार्य नहीं। मैं सभी अपने जोधपुरवासी भाइयों -बहनों से कहना चाहता हूं कि हमें उकसावे में नहीं आना है। धार्मिक सौहार्द और शांति व्यवस्था बनाए रखना पुलिस और प्रशासन की जिम्मेदारी है। हमें शांत रहना है। हमारी पहली जिम्मेदारी जोधपुर में शांति बनाए रखना है। #Rajasthan - Gajendra Singh Shekhawat (@gssjodhpur) 3 May 2022

 

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