राजस्थान: पहली बार अपने गाँव में वोट डाल सकेंगे 'शेरगांव' के लोग, चुनाव आयोग ने किए विशेष इंतज़ाम

जयपुर: इस बार के राजस्थान विधानसभा चुनाव में अबू-पिंडवाड़ा विधानसभा क्षेत्र के शेरगांव के मतदाता पहली बार अपने गांव में मतदान कर सकेंगे। मुख्य निर्वाचन अधिकारी प्रवीण गुप्ता ने बताया कि सुगम एवं समावेशी मतदान के लिए चुनाव आयोग ने दुर्गम पहाड़ी क्षेत्रों, दूरस्थ एवं विरल आबादी वाले क्षेत्रों में भी मतदान केंद्र स्थापित करने की व्यवस्था की है। गुप्ता ने बताया कि सिरोही जिले के आबू-पिंडवाड़ा विधानसभा क्षेत्र में 4921 फीट की ऊंचाई पर स्थित शेरगांव के मतदाता पहली बार अपने ही गांव में मतदान कर सकेंगे।  

गुप्ता ने कहा कि, वन रक्षकों की मदद से मतदान दल इस पोलिंग बूथ तक पहुंचने के लिए घने जंगल में लगभग 18 किलोमीटर तक पैदल चलेगा। उन्होंने बताया कि यहां 117 मतदाताओं के लिए एक मतदान केंद्र बनाया गया है। इससे पहले, शेरगांव के मतदाताओं को दूसरे सुदूरवर्ती उटराज गांव के मतदान केंद्र पर जाना पड़ता था। उन्होंने कहा कि बाड़मेर में अंतरराष्ट्रीय सीमा के निकट स्थित गांव बाड़मेर का पार में मात्र 35 मतदाताओं के लिए एक मतदान केंद्र बनाया जा रहा है।  पहली बार बाड़मेर जिले के दूसरे गांव मंझोली में 49 मतदाताओं के लिए मतदान केंद्र बनाया जा रहा है।  

इसी प्रकार कंटल का पार गांव में 50 मतदाताओं पर एक मतदान केंद्र बनाया जा रहा है। एक बयान के मुताबिक, जैसलमेर के मैनाउ मतदान केंद्र पर केवल 50 मतदाता हैं। मतदान के दिन वहां टेंट में अस्थायी बूथ बनाया जायेगा। गुप्ता ने कहा कि धौलपुर जिले के बसेड़ी विधानसभा क्षेत्र में पहली बार काली तीर पर मतदान केंद्र भी स्थापित किया जाएगा। इस स्थित मतदान केंद्र पर 682 मतदाता हैं। पहले यहां के मतदाताओं को 7।5 किमी दूर स्थित मतदान केंद्र पर जाना पड़ता था। राज्य की सभी 200 सीटों पर एक ही चरण में 25 नवंबर को मतदान होगा और वोटों की गिनती 3 दिसंबर को होगी। 

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