राजस्थान: कैसे बुझेगी आग ? अग्निशमन विभाग में ना तो कर्मचारी हैं, ना ही संसाधन

जयपुर: घर, दुकान या प्रतिष्ठान की बात तो छोड़िए, अगर अपने खेत और खलिहान को आगज़नी से बचाना है तो स्वयं ही व्यवस्था कर लें. अग्निशमन विभाग आपकी सहायता नहीं कर पाएगा, क्योंकि वो खुद रिक्त पदों, फायरमैन और वाहनचालकों की कमी से जूझ रहा है. ऊपर से खराब और नाकारा संसाधन मुसीबत को और बढ़ाने का काम कर रहे हैं.

राज्य की नगर निकायों में फायर ब्रिगेड की सुविधा तो उपलब्ध है, लेकिन फायरमैन और फायर वाहन चालकों के 50 प्रतिशत से पद रिक्त हैं. इस कारण आगजनी की घटनाओं पर नियंत्रण पाने में दिक्कतें आ रही है. अनियंत्रित आग पर काबू पाने और बचाव में बड़ी भूमिका निभाने वाला अग्निशमन विभाग संसाधनों की किल्लत से जूझ रहा है. स्टाफ, वाहन और उपकरणों की कमी के कारण अग्निकांड के दौरान मुश्किलों का सामना करना पड़ता है.

राज्य में अग्निशमन केंद्र तो है,  मगर यहां तैनात CFO से लेकर फायरमैन और फायरब्रिगेड चालकों तक के 1266 पद रिक्त पड़े हुए हैं. अग्निशमन अधिकारी के अनुसार, शहर की जनसँख्या के हिसाब से संसाधनों के साथ कर्मचारियों की भर्ती भी आवश्यक है. अभी अस्थाई कर्मचारियों के भरोसे विभाग को चलाना पड़ रहा है. जयपुर के लोग सुविधा सेवा और सुरक्षा के बदले में नगर निगम को प्रति वर्ष 300 करोड़ रुपए टैक्स देते हैं. लेकिन नगर निगम आगजनी जैसी घटनाओं को लेकर भी गंभीर नहीं है.

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