नई दिल्ली: संसद से पास हुए OBC से संबंधित संशोधन बिल को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने मंजूरी प्रदान कर दी है। इसी के साथ OBC संशोधन बिल ने अब कानून का रूप ले लिया है तो राज्य सरकारों को भी बिल के कानून बनने के उपरांत खुद से OBC लिस्ट का अधिकार हासिल कर चुका है। इसी महीने मानसून सत्र के दौरान विधेयक को संसद के दोनों सदन लोकसभा और राज्यसभा में लागो कर दिया गया। दोनों सदनों ने सत्तापक्ष के अतिरिक्त विपक्षी दलों ने भी बिल का समर्थन किया था। क्या है ओबीसी आरक्षण कानून ?: OBC आरक्षण विधेयक को राष्ट्रपति की मंजूरी के मिलने के उपरांत बाद बने इस कानून में अब राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों को OBC की लिस्ट तैयार करने का अधिकार प्राप्त हो चुका है। यानी हर राज्य अब पिछड़े वर्गों की सूची बना सकता है और उसे अब भी संभाल रखा है। पहले यह अधिकार राज्यों के पास नहीं, बल्कि केंद्र सरकार के पास था। जहां इस बात का पता चला है किमई महीने में सुप्रीम कोर्ट ने आरक्षण को लेकर अहम टिप्पणी की थी। आरक्षण पर पुर्नविचार से जुड़ी एक याचिका की सुनवाई करने की अपील खारिज करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने बोला था कि 102वें संविधान संशोधन के बाद OBC की सूची बनाने का अधिकार राज्यों के पास नहीं, बल्कि केंद्र के पास है। इसके बाद केंद्र सरकार ने OBC सूची तय करने का अधिकार राज्यों को देने के लिए 127वां संविधान संशोधन विधेयक लाने की पहल कर दी गई थी। संसद में कब पास हुआ: मिली जानकारी के अनुसार लोकसभा में यह बिल को 10 अगस्त को पेश कर दिया गया था। इस बिल को लोकसभा में उपस्थित सदस्यों का दो तिहाई बहुमत दिया गया। जिसके पक्ष में कुल 385 सदस्यों ने वोट दिया। बिल के विरुद्ध एक भी वोट नहीं पड़ा, क्योंकि विपक्ष ने भी एक मत होकर इस बिल का समर्थन किया। जिसके उपरांत बिल को राज्यसभा में पेश किया गया, जहां इसके पक्ष में 187 वोट पड़े। इस तरह से यह बिल दोनों सदनों से पास कर दिया। जम्मू-कश्मीर में एक और नेता की हत्या, घर में घुसकर बरसाईं गोलियां खेलों को गोद लेगी यूपी सरकार, सीएम योगी ने किया ऐलान छठे निकाह के चक्कर में सपा नेता चौधरी बशीर को हुई जेल, तीसरी बीवी ने पहुंचाया सलाखों के पीछे