मशहूर कन्नड़ कवि सिद्धलिंगैया का कोरोना संक्रमण के चलते निधन, पीएम मोदी ने जताया शोक

बेंगलुरू: जाने माने कन्नड़ कवि सिद्धलिंगैया का शुक्रवार को कोरोना महामारी के चलते निधन हो गया है। दलित कवि कहे जाने वाले सिद्धलिंगैया ने 67 वर्ष की आयु में अंतिम सांस ली। उनके परिवार में पत्नी, एक बेटा और एक बेटी हैं। पीएम मोदी ने भी कवि के देहांत पर दुख प्रकट किया है। कन्नड़ कवि, नाटककार और दलित आंदोलन के प्रमुख चेहरे सिद्धलिंगैया एक माह से अधिक दिनों से कोविड -19 संक्रमण से जूझ रहे थे।

सिद्धलिंगैया की पत्नी का अभी भी कोरोना का उपचार चल रहा है। सिद्धलिंगैया 2 मई को कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे। वह कई दिनों तक ICU में भर्ती थे। उन्हें 4 मई को मणिपाल अस्पताल में भर्ती किया गया था। अस्पताल की एक विज्ञप्ति में कहा गया है कि सिद्धलिंगैया को गंभीर निमोनिया और मल्टीऑर्गन फेल्योर के साथ एडमिट कराया गया था और दोपहर 11 जून की दोपहर 3.45 बजे उन्होंने बीमारी के चलते दम तोड़ दिया।

बता दें कि कन्नड़ कवि सिद्धलिंगैया का जन्म रामनगर जिले के मगदी में हुआ था। सिद्धलिंगैया को कन्नड़ में दलित-बंदया आंदोलन आरंभ करने और कन्नड़ साहित्य में दलित लेखन की शैली शुरू करने का क्रेडिट दिया जाता है। वह 'यारिगे बंथु, एलीगे बंथु नलवथथेलारा स्वाथंथरा' जैसी क्रांतिकारी कविताओं के लिए पहचाने जाते हैं। उनकी आत्मकथा ऊरु केरी का अंग्रेजी अनुवाद कई यूनिवर्सिटी के छात्रों के लिए पाठ था।

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