'विश्वगुरु' बनेगा भारत, नई शिक्षा नीति पर आज देश को सम्बोधित करेंगे पीएम मोदी

नई दिल्ली: 34 वर्षों के बाद देश में नई शिक्षा नीति तैयार की गई है. इसे शिक्षा के क्षेत्र में क्रांतिकारी परिवर्तन माना जा रहा है. पीएम मोदी आज राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत 'उच्च शिक्षा में रूपांतरकारी सुधारों' पर आयोजित एक कार्यक्रम में उद्घाटन भाषण देंगे. इसमें पीएम मोदी देश का इसकी जानकारी दे सकते हैं कि आखिर इस शिक्षा नीति को क्यों तैयार किया गया इससे क्या परिवर्तन होगा.

हाल ही में केन्द्रीय कैबिनेट ने इस हफ्ते की शुरुआत में नई शिक्षा नीति-2020 का ऐलान कर देश की 34 साल पुरानी, 1986 में बनी शिक्षा नीति को बदल दिया. इसमें बच्चों के रिपोर्ट कार्ड से लेकर उनकी पढ़ाई के तरीके में कई परिवर्तन किए गए हैं. अब शिक्षा नीति के अनुसार, पांचवीं कक्षा तक के बच्चों की पढ़ाई उनकी मातृ भाषा या क्षेत्रीय भाषा में होगी, बोर्ड परीक्षाओं की अहमियत को इसमें कुछ कम किया गया है, विधि मेडिकल कॉलेजों के साथ ही अन्य सभी विषयों की उच्च शिक्षा के एक एकल नियामक का प्रावधान है, साथ ही विश्वविद्यालयों में एडमिशन के लिए समान प्रवेश परीक्षा की बात कही गई है.

देश में पहले जो नीति थी उसमें 10+2 (दसवीं कक्षा तक, फिर बारहवीं कक्षा तक) के ढांचे के तहत शिक्षा दी जाती थी. अब नई नीति के अनुसार, 5+3+3+4 का ढांचा लागू किया गया है. इसके लिए आयु सीमा क्रमश: 3-8 वर्ष, 8-11 वर्ष, 11-14 वर्ष, 14-18 वर्ष निर्धारित की गई है. इसके अलावा पढ़ाई के लिए स्नातक स्तर पर मल्टीपल एंट्री एग्जिट रखे गए हैं. एम.फिल खत्म कर दिया गया है निजी तथा सरकारी उच्च शिक्षा संस्थानों के लिए समान नियम रखे गए हैं.

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