एनडीए सरकार के चार साल पुरे हो चुके है. बीजेपी के नेतृत्व में केंद्र में सत्तारूढ़ एनडीए सरकार के इन चार सालों के दौरान कई मौके ऐसे आए जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कुछ विरले काम किये मगर अपने भाषणों के लिए मशहूर पीएम कई महत्वपूर्ण मौको पर चुप्पी साधे रखी और विपक्ष की और से लगातार इस चुप्पी पर सवाल उठाये जाने के बाद भी उन्होंने इसका जवाब देना जरुरी नहीं समझा. पीएम मनमोहन सिंह को मौनी बाबा कहते थे, लेकिन सत्ता में आने पर वह भी कई अहम मामलों पर मौन साध कर चुप रहे. ऐसे मौके है- -नीरव मोदी और पीएनबी घोटाला -नोट बंदी से काला धन कैसे बाहर आया और कितना आया आज तक हिसाब नहीं दिया गया -नोटबंदी के बाद 100 मौतें -न्यायपालिका में हस्तक्षेप -दादरी का अखलाक हत्याकांड -व्यापम घोटाला और मौतें -राफेल डील का विवाद -चीन के साथ डोकलाम विवाद -ललित मोदी की मदद -दिल्ली में किसानों का प्रदर्शन, किसानों की आत्महत्या -जय शाह और बीजेपी की संपत्ति -बीजेपी नेताओं की बयानबाजी -बीजेपी विधायकों का लगातार गैर क़ानूनी कामो में नाम लिप्त होना -देश में दुष्कर्म -विदेश यात्रा में किये गए खर्च -चुनाव प्रचार में बीजेपी का बेशुमार खर्च -हर भाषण में सिर्फ आधार आधार का गुणगान करना -बीजेपी शासित प्रदेशों में कानून की धज्जियां उड़ाया जाना येदियुरप्पा ने लिखा चुनाव आयोग को खत कांग्रेस राष्ट्रीय पार्टी हैं हम ये कतई नहीं भूलते- जयंत चौधरी सिक्खों की ब्लैकलिस्ट को सरकार ने ख़त्म किया