आज भारतीय राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा के अभिकल्पक पिंगली वेंकैया जी की जयंती है। वही पिंगली वेंकैया जिन्होंने तिरंगे को डिजाइन किया था। हमारा राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा। जो हमारी आन-बान एवं शान का प्रतीक है। जो भारतीय राष्ट्रवाद को अपने में समाहित किए हुए है। आइए जानते हैं उस पिंगली वेंकैया के बारे में, जिनकी कल्पना ने हमें हमारा राष्ट्रीय ध्वज दिया। Koo App दो बार देश के कार्यवाहक प्रधानमंत्री रहे स्व. श्री गुलजारीलाल नंदा जी की जयंती पर सादर नमन। देश हमेशा उन्हें गांधीवादी विचारधारा से प्रेरित व लोकतांत्रिक मूल्यों में गहरी आस्था रखने वाले एक सादगीपसंद नेता के रुप में याद रखेगा। View attached media content - Dr.Narottam Mishra (@drnarottammisra) 4 July 2022 पिंगली वेंकैया का जन्म 2 अगस्त 1876 को आंध्र प्रदेश में मचिलीपट्टनम के एक छोटे से गांव में हुआ था। केवल 19 वर्ष की आयु में पिंगली ब्रिटिश आर्मी में सम्मिलित हो गए। मगर उन्हें तो देशसेवा में जाना था। दक्षिण अफ्रीका में पिंगली वेंकैया की मुलाकात महात्मा गांधी से हुई। वो बापू से इतने प्रभावित हुए कि उनके साथ हमेशा के लिए रहने वो भारत लौट आए। पिंगली ने स्वतंत्रता संग्राम में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया। पिंगली भाषा विशेषज्ञ एवं लेखक थे। Koo App सादा जीवन उच्च विचार का पर्याय, भारत रत्न, पूर्व प्रधानमंत्री श्रद्धेय #GulzarilalNanda जी की जयंती पर कोटिश: नमन करता हूं! आपके अमूल्य विचार व आदर्श जीवन हम सबको सदैव राष्ट्र व समाज की उन्नति के लिए कार्य करने हेतु प्रेरित करते रहेंगे। View attached media content - Shivraj Singh Chouhan (@chouhanshivraj) 4 July 2022 1913 में उन्होंने जापानी भाषा में लंबा भाषण पढ़ा था। इनकी इन्हीं खूबियों के कारण उन्हें कई नाम मिले। मसलन- जापान वेंकैया, पट्टी (कॉटन) वेकैंया और झंडा वेंकैया। उन्होंने 30 देशों के राष्ट्रीय ध्वज का अध्ययन किया। पिंगली वेंकैया 1916 से लेकर 1921 तक निरंतर इस पर शोध करते रहे। तत्पश्चात, उन्होंने तिरंगे को डिजाइन किया। 1916 में उन्होंने भारतीय झंडे के डिजाइन को लेकर एक पुस्तक भी लिखी। Koo App महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी एवं राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा के रचनाकार पिंगली वेंकैया जी की पुण्यतिथि पर उन्हें शत् शत् नमन। View attached media content - Sambit Patra (@sambitpatra) 4 July 2022 उस समय तिरंगे में लाल रंग रखा गया, जो हिंदुओं के लिए था। हरा रंग मुस्लिम धर्म के प्रतीक के रूप में रखा गया तथा सफेद बाकी धर्मों के प्रतीक के रूप में। बीच में चरखे को जगह दी गई थी। 1921 में महात्मा गांधी ने कांग्रेस के विजयवाड़ा अधिवेशन में पिंगली वेंकैया के डिजाइन किए तिरंगे को राष्ट्रीय ध्वज के रूप में अनुमति दे दी। Koo App भारत के राष्ट्रीय ध्वज ‘तिरंगे’ की अभिकल्पना करने वाले महान स्वतंत्रता सेनानी पिंगली वेंकैया जी को स्मृति दिवस पर विनम्र अभिवादन। View attached media content - Narayan Rane (@menarayanrane) 4 July 2022 महात्मा गांधी ने यंग इंडिया में पिंगली वेंकैया के बारे में लिखा था कि ‘पिंगली वेंकैया आंध्र प्रदेश के मचिलीपट्टनम नेशनल कॉलेज में काम करते हैं। उन्होंने कई देशों के झंडे का शोध करके भारत के राष्ट्रीय झंडे के कई डिजाइन बनाकर दिए हैं। इसको लेकर उन्होंने एक पुस्तक भी लिखी है। मैं उनके कड़ी मेहनत की सराहना करता हूं।’ 1931 में तिरंगे को अपनाने का प्रस्ताव पारित हुआ। इसमें कुछ संशोधन किया गया। लाल रंग के स्थान पर केसरिया को स्थान दिया गया। 22 जुलाई 1947 को संविधान सभा में इसे राष्ट्रीय ध्वज के रूप से अपनाया गया। Koo App महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, राष्ट्रीय ध्वज ’तिरंगा’ के अभिकल्पक, कृषि व भूवैज्ञानिक पिंगली वेंकैया को उनकी पुण्यतिथि पर विनम्र श्रद्धांजलि। View attached media content - Suraj Gupta (@surajguptaa) 4 July 2022 इसके कुछ वक़्त पश्चात् फिर संशोधन हुआ और चरखे के स्थान पर अशोक चक्र को स्थान दिया गया। कहा जाता है कि चरखे को हटाने के कारण महात्मा गांधी नाराज हो गए थे। अभी हमारे तिरंगे में केसरिया का अर्थ- समृद्धि, सफेद मतलब – शांति और हरा मतलब प्रगति से है। वही देश को तिरंगा देने वाले पिंगली की मौत बहुत गरीबी में हुई। 1963 में पिंगली वेंकैया का देहांत एक झोपड़ी में रहते हुए हो गया। तत्पश्चात, पिंगली की याद तक को लोगों ने भुला दिया। 2009 में पहली बार पिंगली वेंकैया के नाम पर डाक टिकट जारी हुआ। तब लोगों को पता चला कि वो पिंगली ही थे, जिन्होंने हमें हमारा तिरंगा दिया। मौत के 46 वर्ष पश्चात् उन्हें देश ने सम्मान दिया था। भारी बारिश के कारण बिहार में मचा कहर, 4 दिन में 35 लोगों की हुई मौत 'सर तन से जुदा कर दूंगा, इंडिया को भी बनाएंगे पाकिस्तान', अब इनको मिली धमकी आग पर पानी डालते ही फट गया सिलिंडर, हुई कई मौतें