मच्छर के काटने से लोग हो रहे दिव्यांगता का शिकार

भोपाल । एमपी के 12 जिलों में एक मच्छर की दहशत से लोगो के साथ  ही स्वास्थ अधिकारी भी परेशान है। इस मच्छर के काटने से इंसान जीवन भर के लिए दिव्यांग हो सकता है। ये बात सुनने में अजीब जरूर लगेंगी। परन्तु यह बात सत्य है कि एक मच्छर ऐसा है जिसके काटने से लोग दिव्यांग भी हो सकते हैं। मप्र के 12 जिलों इस मच्छर का खतरा मंड़रा रहा है। इस मच्छर का नाम क्यूलेक्स बताया है। 

इस मच्छर के काटने से व्यक्ति को लिम्फेटिक फाइलेरियासिस होने का खतरा है। इस मच्छर के संक्रमण के कारण लिम्फ नोड ग्रंथियों में असर पड़ता है। अक्सर गंदे रूके हुए पानी में यह मच्छर पनपता है। इस मच्छर के संक्रमण के शिकार लोगों में फाईलेरिया (हाथीपांव) की बीमारी हो सकती है। इस बीमारी के संक्रमण में आकर व्यक्ति जीवन भर के लिए दिव्यांग हो सकता है। इस बीमारी से बचाव के लिए 10 फरवरी से 15 फरवरी तक प्रभावित जिलों में दवा वितरण के लिए अभियान चलाया जाएगा। 

मध्य प्रदेश  के 12 जिले छतरपुर, दतिया, कटनी, पन्ना, उमरिया, रीवा, टीकमगढ़, निवाड़ी, सागर, दमोह, सतना और छिंदवाड़ा में फाइलेरिया का खतरा बताया गया है। इन जिलों में अभियान चलाकर दवाएं खिलाई जाएंगी। क्यूलेक्स मच्छर के काटने से हुए संक्रमण के शिकार व्यक्ति में 6 से 8 साल बाद फाइलेरिया और हाईड्रोसिल बीमारियों के लक्षण नजर आ सकते हैं। 

इस बीमारी से बचाव के लिए दो साल से कम उम्र के बच्चों, गर्भवती महिलाओं और गंभीर बीमार लोगों को छोड़कर सबको  साल में एक बार फाइलेरिया रोधी डीईसी (डाय इथाइल कार्बामैजीन), एलबेंडाजोल और आईवरमैक्टिन की गोलियां खाना जरूरी है। रीवा छतरपुर और पन्ना में आईडीए के फॉर्मुले पर तीन दवाएं दी जा रहीं हैं। आईडीए यानि आईवरमैक्टिन, डीईसी और एलबेंडाजोल की गोलियां खिलाई जा रहीं हैं। बाकी 9 जिलों में डीईसी और एलबेंडाजोल की दवाएं दी जाएंगी। 

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