आधे कपड़ों में सड़क पर दौड़ती रहीं परवीन बॉबी, बेहद खौफनाक-दर्दनाक थी परवीन बाबी की मौत

4 अप्रैल को जन्मी परवीन बॉबी अब इस दुनिया में नहीं है। आज ही के दिन उनकी दर्दनाक मौत हुई थी। जी हाँ, 20 जनवरी 2005 में परवीन ने आखिरी सास ली थी। उनकी मौत के बारे में जो भी सुनता या पढ़ता है उसके होश उड़ जाते हैं। परवीन बॉबी 70 के दशक की मशहूर एक्ट्रेस थीं और आज उनकी पुण्यतिथि है। परवीन बॉबी ने अपने करियर में कई बेहतरीन फिल्में दीं। साल 1976 से 80 के बीच वो इंडस्ट्री की सबसे महंगी एक्ट्रेस की लिस्ट में शामिल रहीं थीं और उन्होंने अपने करियर में एक से बढ़कर एक हिट फिल्म दी थी। हालाँकि जब उनकी मौत हुई तो दो दिन तक किसी को खबर तक नहीं लगी। जी दरअसल 20 जनवरी, 2005 को उनकी मौत हो गई थी, लेकिन उनका शव 22 जनवरी को उनके फ़्लैट से निकाला गया। परवीन बॉबी ने आत्महत्या की थी या उनकी मौत हुई थी इस रहस्य को आज तक कोई नहीं सुलझा पाया।

परवीन बॉबी को लेकर कहा जाता है कि सिल्वर स्क्रीन पर उनकी जिंदगी में जितनी चमक दिखती थी असल में वो उतनी ही अकेली थीं। जी हाँ, भले ही वह अपनी स्क्रीन वाली इमेज को लेकर चर्चा में नहीं रही लेकिन वह अपने अफेयर्स को लेकर सुर्ख़ियों में रहीं हैं। उनका अफेयर महेश भट्ट के अलावा डैनी और कबीर बेदी से भी रहा है, हालाँकि महेश भट्ट के साथ उनकी प्यार भरी कहानी का दर्दनाक अंत हुआ था। कहा जाता है परवीन उस समय अपने करियर के चरम पर थीं जब उन्हें महेश भट्ट से प्यार हो गया था। हालाँकि महेश से पहले उनका अफेयर कबीर बेदी के साथ था और कबीर से ब्रेकअप के बाद उन्होंने महेश भट्ट का हाथ थाम लिया हालाँकि उस समय महेश पहले से ही शादीशुदा थे। इसके बावजूद दोनों लिव इन में रहने लगे। दोनों का रिश्ता दो साल चला लेकिन साल 1979 में महेश भट्ट को अचानक एक ऐसी सच्चाई का पता चला जिससे उनके होश उड़ गए। जी दरअसल एक दिन महेश जब घर लौटे तो उन्होंने देखा कि परवीन फिल्म का कॉस्ट्यूम पहने घर के एक कोने में बैठी हैं, उनके हाथ में चाकू था। वहीं इस दौरान महेश को देखते हुए परवीन ने उन्हें चुप रहने का इशारा किया।

उसके बाद परवीन ने कहा, ‘बात मत करो, कमरे में कोई है। वो मुझे मारने की कोशिश कर रहे हैं।’ कहा जाता है कि पहली बार परवीन ने ऐसा कुछ किया था जिससे महेश बुरी तरह डर गए थे। उसके बाद परवीन अक्सर ही ऐसी हरकतें करने लगीं और डॉक्टरों को दिखाने के कुछ दिन बाद पता चला कि उन्हें सिजोफ्रेनिया नाम की मानसिक बीमारी है। उस समय महेश भट्ट उनका इलाज अच्छे से अच्छे डॉक्टर्स से करवाने लगे। हालाँकि डॉक्टर्स का कहना था कि उन्हें ठीक करने के लिए इलेक्ट्रिक शॉक देने होंगे, लेकिन महेश भट्ट परवीन को इलेक्ट्रिक शॉक देने के सख्त खिलाफ थे। कहा जाता है इस दौरान परवीन के पूर्व प्रेमी कबीर बेदी और डैनी ने भी महेश की मदद की। उस समय परवीन के मन में ये डर बैठ गया था कि कोई उन्हें मारना चाहता है और कुछ समय बाद तो परवीन को लगने लगा था कि उनकी कार में बम रखा है, वो एसी की आवाज तक से डर जाती थीं। देखते ही देखते वह अपने को-स्टार अमिताभ बच्चन को भी अपने लिए खतरा मानने लगी थीं।

ऐसे में परवीन को कमरे में ही बंद रखा जाने लगा। वहीं दूसरी तरफ डॉक्टरों के पास उन्हें इलेक्ट्रिक शॉक देने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा था। परवीन की हालत बेहद नाजुक हो चुकी थी और उन्होंने दवाइयां खाना बंद कर दिया था। काफी खराब हालत होते देख महेश भट्ट परवीन को मुंबई से दूर बेंगलुरु लेकर चले गए क्योंकि महेश परवीन को तनाव से दूर रखना चाहते थे। हालाँकि बाद में महेश परवीन को वहीं छोड़कर अपनी पत्नी लोरेन के पास वापस आ गए। उसके बाद इलाज पूरा होने के बाद परवीन मुंबई वापस आ गईं। उस समय परवीन के डॉक्टर नहीं चाहते थे कि महेश परवीन के आस-पास भी रहें। ऐसे में परवीन महेश को छोड़ने को तैयार नहीं थीं और महेश भी चाहते थे कि उनका इलाज अच्छे से हो। उसके बाद एक रात परवीन ने महेश से कहा कि वो उनमें और उनके डॉक्टर में से किसी एक को चुनें।

उसी समय महेश भट्ट को लगा कि अब उनके रिश्ते का अंत आ गया है। उस समय महेश आधी रात में ही परवीन के घर से निकल गए और परवीन ने उन्हें रोकना चाहा और आधे कपड़ों में ही वो सड़क पर दौड़ती रहीं, हालाँकि महेश नहीं रुके। उसके बाद परवीन अकेली पड़ गईं और कुछ समय बाद उनकी मौत हो गई।

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