पैरासिटामोल के ओवरडोज से बढ़ सकता है जान जाने का खतरा, जानिए इसके साइड इफेक्ट

पैरासिटामोल एक कॉमन पेनकिलर ड्रग है जिसका उपयोग दर्द से छुटकारा पाने के लिए किया जाता है। बॉडी का तापमान कम करने के लिए भी यह असरकारक है। यह कई पेनकिलर्स तथा एंटी सिकनेस मेडिसिन के साथ उपलब्ध होता है। नेशनल हेल्थ सर्विस के अनुसार, सामान्य रूप से किसी मनुष्य को 24 घंटे में चार बार तक इसकी एक या 500mg की दो टैबलेट तक दी जा सकती हैं।

वैसे तो पैरासिटामोल अधिकतर व्यक्तियों के लिए सुरक्षित मानी जाती है, किन्तु इस दवा के ओवरडोज से भयंकर साइड इफेक्ट हो सकते हैं। नेशनल हेल्थ सर्विस (इंग्लैंड) की मानें तो इसके हेपाटोटॉक्सिक डोज के निगलने से कुछ ही समय में उल्टी या जी मिचलाने जैसी समस्यां बढ़ सकती हैं। हेपाटोटॉक्सिक एक मेडिकल टर्म है जिसमें ओवरडोज से होने वाले कॉम्प्लीकेशन से लिवर डैमेज हो सकता है। NHS के अनुसार, एक सिंगल पैरासिटामोल के ओवरडोज के पहले या दूसरे दिन लिवर फेलियर की वजह से सुस्ती या चक्कर आने की संभावना कम रहती है। इसलिए दूसरी वजहों पर भी ध्यान दें।

ओवरडोज से बचाव- इंटरनेशनल हेल्थ केयर कंपनी Bupa (ब्रिटिश यूनाइटेड प्रोवीडेंट एसोसिएशन) के अनुसार, पैरासिटामोल के ओवरडोज का संकट सरलता से बढ़ सकता है, क्योंकि कई प्रकार की दवाओं तथा प्रोडक्ट्स में पैरासिटामोल होता है। विशेष तौर पर से कोल्ड तथा फ्लू की दवाओं में ये पाया जाता है। विशेषज्ञ की सलाह है कि किसी भी दवा को लेने से पहले उसके बारे में अच्छे से जांच लें। 

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