एक हज़ार करोड़ के पटाखे बिकते हैं दिवाली पर, लेकिन ऑनलाइन बिक्री मात्र 4 फीसदी

नई दिल्ली: इस साल दीपावली 7 नवंबर 2018 को आनेवाली है, जिसके लिए देश भर में अभी से बाजार सजने लगे हैं. सुप्रीम कोर्ट ने भी सुरक्षा और प्रदुषण के मद्देनज़र पटाखों की ऑनलाइन बिक्री पर रोक लगा दी है, लेकिन इससे भी कोई हल निकलता नहीं दिख रहा है, क्योंकि पुरे देश में कुल बिकने वाले पटाखों का सिर्फ 4 फीसदी ही ऑनलाइन बिकता है, जबकि बाकी 96 फीसद पटाखे लोग खुद दुकानों पर जाकर खरीदते हैं. लेकिन सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश से देश की सबसे बड़े ऑनलाइन पटाखे बेचने वाली कंपनी को जरूर झटका लगा है.

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देश के अधिकतर पटाखे तमिलनाडु के शिवकाशी स्थित कैलासवरी फायर वर्क्स में बनाए जाते हैं, यह कंपनी कॉकब्रांड नाम से पटाखे बनाती और बेचती है, अब अदालत के आदेश के बाद कैलासवरी ने अपनी ऑनलाइन बिक्री बंद कर दी है. तमिलनाडु के शिवकाशी के बाद बंगलुरु पटाखों का दूसरा सबसे बड़ा हब है, लेकिन वहां की ऑनलाइन कंपनियां भी अब यही रास्ता अपना रही हैं. सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर एक ऑनलाइन पटाखा विक्रेता आलोक अरोड़ा ने बताया कि वैसे भी पटाखों की ऑनलाइन बहुत कम होती है, क्योंकि इन्हे डिलीवर करने के भी जोखिम होता है. 

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सरकार ने पटाखों को 28 फीसद वाले टैक्स स्लैब में डाला है, जिससे इस साल पटाखों की बिक्री पर असर पद सकता है, लेकिन बताया जा रहा है कि प्रतिवर्ष 1 हज़ार करोड़ से भी अधिक के पटाखे बिक जाते हैं. वहीं इन दिनों मार्केट में इ-पटाखे तेज़ी से बिक रहे हैं, इन पटाखों में से न आग निकलती है, न प्रदुषण होता है, ये बिजली से चलते हैं, इनके अंदर छोटे स्पीकर्स लगे होते हैं, जो धमाके की आवाज़ निकालते हैं. हालांकि, ये थोड़े महंगे जरूर हैं और इसका एक सेट 1500 रुपए का बिक रहा है. 

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