कभी अखिलेश को CM बनाने का दम भरते थे राजभर, चुनाव हारते ही बिखर गए रिश्ते

लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 में करारी शिकस्त झेलने के बाद से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) विरोधी खेमों में हड़कंप मचा हुआ है। कहीं गठबंधन टूट रहे हैं तो कहीं नेता नाराज़ हो रहे हैं। बगावत की ताजा आंच सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (SBSP) की चौखट तक जा पहुंची है। सुभासपा के उपाध्यक्ष शशि प्रताप सिंह ने ओमप्रकाश राजभर पर गंभीर आरोप लगाते हुए पार्टी से किनारा कर लिया है।

विधानसभा चुनाव में अखिलेश यादव के साथ गठबंधन कर चुनाव लड़ने वाले ओपी राजभर के लिए ये तगड़ा झटका माना जा रहा है। पार्टी उपाध्यक्ष का पद छोड़ते हुए शशि प्रताप सिंह ने राजभर पर कई इल्जाम भी लगाए हैं। उन्होंने कहा है कि राजभर एक झूठे नेता हैं और वो केवल अपने ही परिवार को आगे बढ़ाना चाहते हैं। सुभासपा के अंदर से राजभर के खिलाफ बगावत की ये आवाज ऐसे समय में उठ रही है, जब वो खुद अपनी सहयोगी सपा के विरोध में मोर्चा खोले बैठे हैं। साथ ही राजभर राष्ट्रपति चुनाव में NDA प्रत्याशी द्रौपदी मुर्मू के समर्थन के संकेत दे रहे हैं। वे सपा से नाता तोड़ नए सियासी समीकरण सेट करते भी दिखाई दे रहे हैं। 

बता दें कि 2022 के विधानसभा चुनाव में ओपी राजभर ने अखिलेश के साथ पूरी जान लगाकर भाजपा को टक्कर दी थी। जिस सख्त अंदाज में राजभर ने चुनाव प्रचार में भाजपा के खिलाफ आवाज़ बुलंद की थी, उतने आक्रामक तो मुख्य दलों के बड़े नेता भी नहीं दिखे थे। चुनाव प्रचार में राजभर, अखिलेश को मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बिठाने का दंभ भरा करते थे। हालांकि, उनकी पार्टी ने पूर्वांचल में ठीक-ठाक प्रदर्शन भी किया, मगर सपा गठबंधन 403 सीटों वाली यूपी विधानसभा में केवल 125 सीटों तक ही पहुंच पाया। राजभर ने 19 सीटों पर उम्मीदवार उतारकर 6 पर जीत हासिल की थी।

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