राष्ट्रीय खेल महासंघों को जवाब देने के लिए मांगना चाहिए और अधिक समय: भारतीय ओलंपिक संघ

इंडियन ओलिंपिक एसोसिएशन चाहता है कि मिनिस्ट्री ऑफ़ स्पोर्ट्स, नेशनल स्पोर्ट्स फेडरेशंस के पदाधिकारियों की ऐज तथा कार्यकाल संबंधित जानकारी के लिए प्रश्नावली के जवाब के लिए वक़्त की सीमा बढ़ा दे. जो दिल्ली हाई कोर्ट में नेशनल स्पोर्ट्स फेडरेशंस की मान्यता पर लंबित केस के लिए बेहद महत्वपूर्ण है. मंत्रालय ने 57 एनएसएफ से इस प्रश्नावली का जवाब 11 अगस्त तक देने को कहा है. 

वही इन नेशनल स्पोर्ट्स फेडरेशंस की अस्थायी मान्यता नेशनल स्पोर्ट्स कोड के उम्र तथा कार्यकाल दिशानिर्देशों के उल्लघंन के लिए हाई कोर्ट के निर्देश पर वापस ले ली गई थी. इस केस की आगामी सुनवाई 21 अगस्त को है. हालांकि इंडियन ओलिंपिक एसोसिएशन चाहता है कि नेशनल स्पोर्ट्स फेडरेशंस को और वक़्त दिया जाए, क्योंकि वे कोरोना वायरस की वजह से कम स्टाफ के साथ कार्य कर रहे हैं. 

साथ ही इंडियन ओलिंपिक एसोसिएशन इस केस पर चर्चा के लिए स्पोर्ट्स मिनिस्टर किरेन रीजीजू के साथ बैठक करना चाहता है. इंडियन ओलिंपिक एसोसिएशन ने कहा, ‘यह संवेदनशील मुद्दा है तथा हम सभी को एक साथ रहने की आवश्यकता है, क्योंकि प्रश्नावली में उठाए गए कई मुद्दे खेल संहिता का भाग नहीं है. यह केस अब दिल्ली हाई कोर्ट में चल रहा है, तथा हमें अलर्ट रहने की आवश्यकता है.' इंडियन ओलिंपिक एसोसिएशन अध्यक्ष नरिंदर बत्रा तथा महासचिव राजीव मेहता ने संयुक्त बयान में कहा, ‘हमारा सुझाव है कि सभी नेशनल स्पोर्ट्स फेडरेशंस जवाब देने के लिए तुरंत चार सप्ताह का वक़्त मांगे, क्योंकि निरंतर नेशनल स्पोर्ट्स फेडरेशंस के दफ्तर का स्टाफ कोरोना की वजह से काम पर नहीं आ रहा. फिलहाल इस मुद्दे पर कुछ निश्चित नहीं हो पाया है, बैठक के पश्चात् ही कुछ निश्चित हो पाएगा.

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