दुनिया का कोई भी राडार नहीं कर पाएगा ट्रैक, इंडियन नेवी को मिली 'दुश्मनों की काल' INS Vela

नई दिल्ली: इंडियन नेवी चीफ एडमिरल करमबीर सिंह द्वारा नेवी की चौथी स्कॉर्पीन क्लास की सबमरीन आईएनएस वेला (INS Vela) को आज भारतीय नौसेना के बेड़े में शामिल कर लिया गया है. कहा जा रहा है कि इस सबमरीन के सेवा में शामिल होने से नौसेना की युद्धक क्षमता में अतुलनीय इजाफा होगा. बता दें कि इस पनडुब्बी का निर्माण जुलाई 2009 में आरंभ हुआ था. इसका नाम मई 2019 में INS वेला रखा गया था और व्यापक प्रणाली, मशीनरी और हथियार परीक्षणों के बाद इसे MDL द्वारा इसी माह भारतीय नौसेना के हवाले कर दिया गया था.

INS वेला में पनडुब्बी संचालन के पूरे स्पेक्ट्रम को आरंभ करने की क्षमता है. आज की गतिशील और जटिल सुरक्षा स्थिति के मद्देनज़र इसकी क्षमता और मारक क्षमता भारत के समुद्री हितों की रक्षा के लिए नेवी की क्षमता को बढ़ाने में अहम भूमिका निभाएगी. नौसेनाध्यक्ष एडमिरल करमबीर सिंह ने आज कहा कि, 'नया INS वेला समुद्री युद्ध के पूरे क्षेत्र में आक्रामक अभियान चलाने में समर्थ है. एक बार गोता लगाने के बाद यह सबमरीन वास्तव में बहुत असरदार तरीके से और चुपके से पूरी ताकत के साथ अपना लक्ष्य भेदने में सक्षम है.

इस पनडुब्बी की विशेषता ये है कि रडार इसे ट्रैक नहीं कर पाएगा. यह दुश्मन को भनक लगाए बगैर ही अपना कार्य पूरा कर सकती है. इसके साथ ही इसे किसी भी मौसम में ऑपरेट किया जा सकता है. बता दें कि INS वेला का पिछला अवतार 31 अगस्त 1973 को नौसेना में भर्ती किया गया था और यह 25 जून 2010 को सेवा से हटी थी. इसने 37 वर्षों तक राष्ट्र की महत्वपूर्ण सेवा की थी.

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