कोटा में की बिहार बेटियों के अनशन पर सीएम नितीश ने दिया यह जबाव

पटना: कोराना संक्रमण के भय के चलते परेशान राजस्थान कोटा में कोचिंग करने आए बिहार और झारखंड के करीब 11 हजार स्टूडेंट्स अपने घर जाना चाहते हैं, लेकिन वहां सरकारें इन्हें अपने घर जाने की अनुमति नहीं दे रही है. उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, उत्तराखंड, गुजरात के बाद असम व हरियाणा के स्टूडेंट्स भी शुक्रवार को अपने घर चले गए. अपने साथियों के जाने से ये स्टूडेंट्स और अधिक परेशान हो गए हैं. जंहा एक बार फिर ना कह दिया बिहार के मुखिया ने. इसकी भी परवाह नहीं कि कोटा में पढ़ रहे बिहारी छात्र-छात्राएं उन्हें उनके घर भेजे जाने की मांग को लेकर उपवास पर बैठ गए. गांधी जी का तर्ज़ लेकर सत्याग्रह करने वालों में बेटियां भी हैं. लेकिन कोई असर नहीं पड़ा नीतीश सरकार की सोच और स्टैंड पर. 

बिहार के मुख्यमंत्री इस बात के लिए भी जाने जाते हैं कि वे वही करते हैं जो उन्होंने तय कर लिया. चाहे लोकनिंदा जितनी भी हो. उन्होंने ये भी बयान किया कि वे क्यों 'कोटा घर वापसी' मसले पर ना कह रहे.प्रधानमंत्री के साथ कोरोना स्टेटस और लॉकडाउन के मुद्दे पर मुख्यमंत्रियों की हुई सोमवार की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में कोटा के मामले में नीतीश कुमार बोले. ना ही था उनकी झोली में. जबकि आज भी छत्तीसगढ़ के लिए कोटा के छात्रों की बस खुली.

पीएम के साथ वीडियो बैठक में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा:-

* हम तो केंद्र सरकार के गाइड लाइन पर काम कर रहे हैं. * नियमों में संशोधन के बिना कोटा से छात्रों को नहीं बुलाया जा सकता. * इस बारे में केंद्र सरकार आवश्यक दिशा निर्देश जारी करे. * कोटा ही नहीं, देश के अन्य हिस्सों में भी बिहार के छात्र पढ़ते हैं. * हम तो केंद्र के लॉकडाउन नियमों का पालन कर रहे. * केंद्र ही लॉकडाउन पर फैसला करे.

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