आज है निर्जला एकादशी, इन मन्त्रों के जाप से प्रसन्न होंगे श्री विष्णु

निर्जला एकादशी व्रत आज रखा जा रहा है। यह एकादशी सभी एकादशी में सबसे बड़ी एकादशी मानी जाती है। जी हाँ और इस साल इसकी दो तिथि मानी जा रही है। जी दरअसल एकादशी तिथि 10 जून को शुक्रवार की सुबह सात बजकर पच्चीस मिनट से शुरू हो रही है और अगले दिन 11 जून को शाम 5।45 बजे तक रहेगी। इस वजह से लोगों में निर्जला एकादशी व्रत की तिथि को लेकर थोड़ा समस्या है। जी दरअसल पंचांग के अनुसार तिथि अगर सूर्योदय से पहले लग रही है तो उसे उदया तिथि कहते हैं। हालाँकि सही गणना के अनुसार एकादशी की तिथि 9 जून को मध्य रात्रि के बाद 2:25 बजे लग चुकी है जो 10 जून की रात 1:16 बजे तक रहेगी। वहीँ उदया तिथि में एकादशी 10 जून को ही मिलेगी। ऐसे में निर्जला एकादशी का व्रत इसी दिन करना चाहिए। अब आज हम आपको बताने जा रहे हैं श्री विष्णु के वह मन्त्र जिनका जाप आज के दिन करना चाहिए।

श्री विष्णु के मन्त्र-

* ॐ नमो भगवते वासुदेवाय

* श्रीकृष्ण गोविन्द हरे मुरारे।   हे नाथ नारायण वासुदेवाय।।

* ॐ नारायणाय विद्महे। वासुदेवाय धीमहि। तन्नो विष्णु प्रचोदयात्।।

* ॐ विष्णवे नम:

* ॐ हूं विष्णवे नम:   * ॐ नमो नारायण। श्री मन नारायण नारायण हरि हरि।  

लक्ष्मी विनायक मंत्र -  दन्ताभये चक्र दरो दधानं, कराग्रगस्वर्णघटं त्रिनेत्रम्। धृताब्जया लिंगितमब्धिपुत्रया लक्ष्मी गणेशं कनकाभमीडे।।

धन-वैभव एवं संपन्नता का मंत्र -  ॐ भूरिदा भूरि देहिनो, मा दभ्रं भूर्या भर। भूरि घेदिन्द्र दित्ससि।  ॐ भूरिदा त्यसि श्रुत: पुरूत्रा शूर वृत्रहन्। आ नो भजस्व राधसि।

सरल मंत्र - ॐ अं वासुदेवाय नम: - ॐ आं संकर्षणाय नम: - ॐ अं प्रद्युम्नाय नम: - ॐ अ: अनिरुद्धाय नम: - ॐ नारायणाय नम:

विष्णु के पंचरूप मंत्र - ॐ ह्रीं कार्तविर्यार्जुनो नाम राजा बाहु सहस्त्रवान। यस्य स्मरेण मात्रेण ह्रतं नष्‍टं च लभ्यते।।

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