पिताजी का सहयोग नहीं मिलता तो आज मैं जहां हूं वहां नहीं पहुंच पाती: नवजोत कौर

इंडियन महिला हॉकी टीम की स्ट्राइकर नवजोत कौर ने अपनी कामयाबी का पूरा श्रेय अपने फादर को देते हुए कहा कि वह विश्व की सर्वश्रेष्ठ फिनिशर बनना चाहती हैं. इंडियन अग्रिम पंक्ति की अहम प्लेयर नवजोत ने कहा, 'किसी भी हॉकी टीम के लिए फिनिशर का किरदार अहम होता है, तथा मुझे प्रसन्नता है कि मुझे मेरी साथियों के बनाए गए अवसरों को भुनाने का मौंका दिया गया है.'

हॉकी इंडिया की विज्ञप्ति के मुताबिक, इस 25 साल की प्लेयर ने कहा, 'इस काम के साथ बहुत दबाव भी जुड़ा है, किन्तु मैंने अब तक इस चेलेंज का पूर्ण लुत्फ उठाया है. मैं अपनी तकनीक पर कार्य जारी रखना चाहती हूं, तथा आशा है कि एक दिन मैं विश्व की सर्वश्रेष्ठ फिनिशर बनूंगी.'

वही देश की ओर से अब तक 172 मैच खेलने वाली नवजोत ने अपनी कामयाबी का श्रेय अपने पिता को दिया, जो आरम्भ से चाहते थे कि उनके तीनों बच्चे स्पोर्ट्स से जुड़ें. नवजोत ने कहा, 'यदि मुझे अपने अभिभावकों खास तौर पर पिताजी की मदद नहीं प्राप्त होती, तो आज मैं जहां हूं वहां कभी नहीं पहुंच पाती. मेरे पिताजी ने मुझे विद्यालय में हॉकी खेलने के लिए मोटिवेट किया. उनका आरम्भ से स्वपन था कि उनका एक बच्चा प्लेयर बने, तथा मुझे वास्तव में बेहद प्रसन्नता है कि मैं उनका स्वपन पूर्ण करने में कामयाब रही.' इसी के साथ नवजोत ने अपने पिता का आभार व्यक्त किया है.

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