राजस्थान में विधानसभा की कार्यवाही प्रांरभ होते ही इन कानूनों के खिलाफ संकल्प पारित

शनिवार को राजस्थान विधानसभा में केंद्र द्वारा बनाए गए कानून का खिलाफ प्रस्तावों का दौर चला. बता दे कि नागरिकता संशोधन कानून (CAA), राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (NPR) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) के खिलाफ संकल्प पारित किया.अब तक केरल और पंजाब ने केवल सीएए के खिलाफ ही प्रस्ताव पारित किया है, जबकि राजस्थान देश में पहला ऐसा प्रदेश है, जिसने तीनों के खिलाफ संकल्प पारित किया है. तीनों संकल्प पारित होने के बाद सदन की कार्यवाही 10 फरवरी सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई.

संसदीय कार्यमंत्री शांति धारीवाल ने उक्त तीनों संकल्पों को सदन के पटल पर रखा. उन्होने शनिवार को सुबह सदन प्रांरभ होते ही कार्यवाही शुरू कर दी.भाजपा और राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के विधायकों ने इसका विरोध किया. काफी देर तक हंगामा हुआ. विधायकों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी की. विरोध करते हुए भाजपा विधायक वेल में आ गए और सीएए के समर्थन में नारेबाजी करने लगे.

आपकी जानकारी के लिए बता दे कि सदन में संकल्प को पेश करते हुए धारीवाल ने कहा कि सीएए से देश की एकता और अखंडता को खतरा है. सीएए संविधान की मूल भावना का उल्लंघन करता है. देश के एक बड़े वर्ग में इसको लेकर आशंका है. उन्होंने कहा कि एनआरसी और एनपीआर की प्रस्तावना एक ही है. यह संविधान के अनुच्छेद 14 का उल्लंघन है. एनपीआर के नए प्रावधानों को वापस लेने के बाद ही जनगणना होनी चाहिए. सीएए का लक्ष्य धर्म के आधार पर अवैध प्रवासियों में विभेद करना है. देश के संविधान में यह स्पष्ट कथन है कि भारत एक पंथ निरपेक्ष देश है. यह संविधान की आधारभूत विशेषता है और इसे बदला नहीं जा सकता. धर्म के आधार पर ऐसा विभेद संविधान के प्रतिष्ठित पंथ निरपेक्ष आदर्शों के अनुरूप नहीं है.

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