भारत के तात्कालिक प्रधानमंत्री नरेंद मोदी के द्वारा प्लासिटक के उपयोग पर रोक लगाने के बाद लोगों में धीरे-धीरे जागरुकता पैदा हो रही है. अब छत्तीसगढ़ में वन विभाग ने प्लास्टिक की बोतलों को पौधे लगाने के लिए इस्तेमाल कर रही है. चप्पलों के बैग में छिपा रखे थे लाखों रुपए के डॉलर, IGI एयरपोर्ट पर पुलिस ने दबोचा मीडिया रिपोर्ट के अनुसार जिला वन विभाग की एक पहल के तहत इस पर्यावरण-अनुकूल उपाय के माध्यम से रोजगार प्राप्त करने वाली महिला श्रमिकों की मदद से रामानुजगंज नर्सरी में पौधे रोपने और उगाने के लिए बेकार प्लास्टिक की बोतलों को रिसाइकिल किया जा रहा है.नर्सरी में काम करने वाली महिलाओं में से एक अमरलता मिंज ने कहा कि हम बोतलों को शहरों से इकट्ठा करते हैं और यहां लाते हैं. बोतलों को तब काटा जाता है और इसे उपजाऊ मिट्टी के साथ दाखिल करके एक पौधा लगाया जाता है.इस दौरान बोतल के अन्य भागों का भी उपयोग किया जाता है. CM मनोहर लाल ने किया शानदार काम, हरियाणा में सबसे पहले गुरुग्राम को दी यह सुविधा आपकी जानकारी के लिए बता दे कि प्लास्टिक के उपयोग पर प्रतिबंध लगाने के बाद इस प्रथा को अपनाया गया था और इसलिए इस्तेमाल की जाने वाली बोतलों को संरक्षित करने और एक पौधा उगाने के लिए पेश किया गया था.नर्सरी के प्रबंधक ललन सिन्हा ने बताय कि प्रशासन द्वारा पॉलीथिन पर प्रतिबंध लगाने के बाद हमने इस नई तकनीक को अपनाया है जिसमें बोतलें यहां लाई जा रही हैं. वे इसे या तो अपने घरों में या यहाँ बनाते हैं. वे बोतल को काटते हैं और एक तार को पास करने के लिए दो छेद बनाते हैं. मिट्टी, गाय के गोबर और खाद को बोतल में रखा जाता है, उसमें साबून डाला जाता है और इसे अच्छी तरह से ढक दिया जाता है. दिल्ली में भड़की भीषण आग ने ली कई लोगों की जान, पीएम मोदी और अमित शाह ने जताया दुःख आतंकी फंडिंग: हाफिज सईद को फिर मिली सुनवाई की नई तारिख, आरोप नही हो पाए तय राजनितिक पार्टियां इस्तेमाल करती हैं भ्रष्ट्राचार का पैसा, कैसे ख़त्म होगा करप्शन- अशोक गहलोत