नारायण राणे बने लघु व मध्यम उद्योग मंत्री, बेटा बोला- 'कांग्रेस ने वचन दिया लेकिन पूरा नहीं किया'

मुंबई: महाराष्ट्र के दिग्गज नेता नारायण राणे के जीवन का नया पन्ना खुल चुका है। वह मोदी मंत्रिमंडल के विस्तार में सबसे पहले शपथ लेने वाले कैबिनेट मंत्री बने हैं। जी हाँ और उन्हें लघु व मध्यम उद्योग मंत्री बनाया गया है। आप सभी को बता दें कि कोविड काल का ध्यान में रखते हुए एक सादगी पूर्ण कार्यक्रम में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने उन्हें पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। बीते बुधवार शाम 6 बजे शुरू हुए इस कार्यक्रम में 43 मंत्रियों को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई गई। इस दौरान इन 43 मंत्रियों की सूची में नारायण राणे का नाम सबसे ऊपर था। इस वजह से उन्होंने सबसे पहले मंत्री पद की शपथ ली।

इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उपराष्ट्रपति वेंकैय्या नायडू, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह सहित सभी केंद्रीय मंत्री उपस्थित थे। आप सभी को बता दें कि एक जमाने में कट्टर शिवसैनिक रहे नारायण राणे साल 2005 में कांग्रेस में शामिल हुए थे। वह महाराष्ट्र स्वाभिमान पार्टी से होते हुए साल 2018 भाजपा में शामिल हुए। वहीँ राज्यसभा सांसद हुए और बीते बुधवार (7 जुलाई) को मोदी मंत्रिमंडल में सबसे पहले शपथ ग्रहण करने वाले कैबिनेट मंत्री बने। नारायण राणे के शपथ लेते ही उनके बेटे नीतेश राणे ने इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद दिया।

इसी के साथ उन्होंने कहा कि, ''नारायण राणे की अहमियत कांग्रेस को 12 साल में भी नहीं समझ आई जो भाजपा ने दो सालों में समझा। यह भाजपा ने समझा कि नारायण राणे की कीमत क्या है, राजनीति में उनका वजन क्या है और उनके काम का सम्मान किया। कांग्रेस ने बार-बार वचन दिया, लेकिन कभी पूरा नहीं किया। भाजपा ने डेढ़ सालों में मुझे विधायक बनाया, मेरे बड़े भाई को प्रदेश भाजपा के लिए काम करने का मौका दिया।''

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