'स्निफ' मूवी रिव्यू: हुर्रे फिर से लौट आई बच्चा पार्टी

हमारी रेटिंग-- 2.5/5 कलाकार--खुशमीत गिल, सुरेखा सीकरी, मनमीत सिंह  निर्देशक-- अमोल गुप्ते  मूवी टाइप--ड्रामा अवधि1 घंटा 29 मिनट

बॉलीवुड फिल्म इंडस्ट्री में वैसे भी कई फिल्मे आज रिलीज हुई है लेकिन इनमे कही भी बच्चो की फिल्म 'स्निफ' का जिक्र तक नहीं है. तो बच्चा पार्टी आप निराश ना हो हम आपके लिए लेकर आए है फिल्म 'स्निफ' का मूवी रिव्यू जो आपको काफी हंसने के साथ साथ मनोरंजन भी प्रदान करेगा.

कहानी:  फिल्म के शुरुआती सीन में सनी (खुशमीत गिल) की दादी (सुरेखा सीकरी) उसके पापा (मनमीत सिंह) से कहती है कि हमारे परिवार ने जो कुछ भी हासिल किया है, वह नाक के दम पर ही है. हमारे यहां सूंघ नहीं पाना देख नहीं पाने के बराबर है. दरअसल, सनी की फैमिली में पीढ़ियों से अचार बनाने का काम होता है. फिलहाल उसके पापा अचार की फैक्ट्री चलाते हैं. ऐसे में, सनी जो कि अपनी नाक में ब्लॉक की वजह से सूंघ नहीं सकता, वह पूरी फैमिली की परेशानी का सबब है. सूंघ नहीं पाने की वजह से सनी को अपनी रोजाना लाइफ से लेकर स्कूल तक में तमाम परेशानियां झेलनी पड़ती हैं. घरवाले उसे स्पेशलिस्ट को दिखाते हैं, तो वह भी उसकी नाक में ब्लॉक बताकर हाथ खड़े कर लेता है. एक दिन अखबार में मुंबई में बढ़ती कार चोरियों की खबर पढ़कर जासूसी दिमाग के सनी का ध्यान इस ओर जाता है और वह कुछ करने की सोचता है. इसी बीच एक दिन स्कूल की लैब में कुछ ऐसा केमिकल लोचा होता है कि न सिर्फ सनी की नाक का ब्लॉक हट जाता है, बल्कि उसकी सूंघने की क्षमता भी काफी बढ़ जाती है. अब वह दो-दो किलोमीटर दूर तक सूंघ लेता है और किसी का मुंह सूंघ कर यह भी बता देता कि उसने कल क्या खाया था. अपनी सूंघने की क्षमता के दम पर स्कूल में अपनी टीचर के पैसे चोरी होने का मामला सुलझाकर वह हीरो बन जाता है. आगे फिल्म में और भी बहुत से नए नए चटपटे ट्वीट्स हमे देखने को मिलते है जिसके लिए आपको फिल्म देखने के लिए सिनेमाघर जाना होगा.    

निर्देशन: अब आप समझ गए होंगे कि डायरेक्टर अमोल गुप्ते ने इस फिल्म का नाम स्निफ यानी कि गंध क्यों रखा. आपको बता दे की यूं तो भारत में बच्चों के लिए फिल्में कम ही बनती हैं, लेकिन 'तारे जमीन पर' और 'स्टेनली का डिब्बा' जैसी बच्चों की कहानियों पर बेस्ड फिल्में बनाने वाले अमोल गुप्ते लगातार ऐसी फिल्में बना रहे हैं. चिल्ड्रन फिल्म सोसायटी ऑफ इंडिया के चेयरपर्सन रह चुके अमोल का बच्चों की फिल्मों से काफी जुड़ाव है, लेकिन इस बार बतौर डायरेक्टर स्निफ में वह अपनी पिछली फिल्मों जैसा दम नहीं दिखा पाए.

अभिनय:  फिल्म में सभी का अभिनय क़ाबिले तारीफ है खासकर के खुशमीत गिल, सुरेखा सीकरी, मनमीत सिंह जिन्होंने फिल्म में अपने दमदार अभिनय की छाप को छोड़ा है. वैसे भी अभी तक बॉक्स ऑफिस पर बच्चो की कोई फिल्म नहीं आई है.  

देखे या ना देखे: अगर आप बच्चो की चुलबुली मस्ती को एक अच्छी कहानी के साथ साथ देखने के लिए उत्सुक है तो फिल्म को एक बार देख सकते है. 

 

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