बेटे की जान बचाने के लिए माँ ने खाई गोली, गंभीर हालत में ऑपरेशन थिएटर तक चल कर गई महिला

छतरपुर: यह पूरा मामला सिविल लाइन थाना क्षेत्र की सिंचाई कॉलोनी में बीते सोमवार की दोपहर 7 आरोपियों ने एक युवक के घर पहुंचकर कर उस पर गोलियां दाग दी. इस दौरान युवक की मां बीच में आ गई और महिला के पेट में गोली लगते हुए आर-पार निकल गई. वही गोली लगने से घायल महिला को तुरंत परिजन ने जिला अस्पताल में भर्ती कराया है पुलिस ने घर के बाहर लगे सीसीटीवी कैमरों के फुटेज जांच में लिया हैं. यह घटना पर आकाश पिता दिनेश सिंह यादव बीते सोमवार की दोपहर सवा 3 बजे घर के बाहर अपनी 55 वर्षीय मां माया यादव के साथ खड़ा था. जंहा सातों आरोपी बाइक और कार पर सवार होकर आकश के घर दस्तक दी. वही आकाश को देख हरेंद्र ने अपने साथियों से उसे गोली मारने को कहा. इसमें से एक आरोपी ने हरेंद्र के कहने पर आकाश पर कट्टे से फायर कर दिया. इसी बीच गोली आकाश के स्थान पर उसकी मां माया यादव के पेट में लगते हुए आरपार निकल गई. वही  घटना को अंजाम देने के बाद सभी आरोपी मौके से फरार हो गए.

पुलिस ने अनुसार आरोपी हरेंद्र सिंह चौहान पर मारपीट, अवैध वसूली, लूट के साथ एक दर्जन से अधिक मामले सिविल लाइन थाने में दायर हैं. आकाश यादव पर भी मारपीट फायरिंग और अवैध वसूली करने सहित करीब 11 मामले दायर हैं. आकाश यादव बीते हफ्ते ही जेल से जमानत पर घर आया था. थाने के एसआई रवि प्रताप सिंह ने कहा कि घायल माया यादव के बयानों के आधार पर आरोपी हरेंद्र सिंह चौहान, पवन सिंह, रोहित परमार और अनुज परमार पर हत्या के प्रयास के साथ कई आर्म्स एक्ट के तहत केस दायर कर दिया गया है. इसके साथ ही थाना पुलिस ने आरोपियों की तलाश करना शुरू  कर दी है.

दरअसल हरेंद्र सिंह चौहान और आकाश यादव आपस में दोस्त हैं. आकाश ने कहा कि तीन दिन पहले उसने एक युवक से कुछ कह दिया. इस पर हरेंद्र ने आकाश को बुलवाते हुए कहा कि यह हमारा साथी है तुम अब इस युवक से कुछ नहीं कहोगे. इसी बात पर दोनों दोस्तों की कहासुनी हो गई थी.  इस बात से नाराज हरेंद्र सिंह अपने छह साथियों के साथ एक बाइक और एक कार पर सवार होकर सोमवार की दोपहर उसके घर पहुंचा और जान से मारने के  साथ उस पर गोली चला दी जो की उसकी मा को जा लगी. पेट में गोली लगने से घायल महिला को परिजनों ने फ़ौरन जिला अस्पताल के इमरजेंसी वाॅर्ड में पहुंचाया. पर यहां पर काफी समय तक घायल को स्ट्रेचर उपलब्ध नहीं को सका. इसके पश्चात इस घायल महिला को उसके परिजन इमरजेंसी रूम से ऑपरेशन थिएटर तक पैदल ले गए. इस गंभीर हालत में जिला अस्पताल में स्ट्रेचर उपलब्ध नहीं हुआ तो आम मरीजों का क्या हाल होता होगा ये आप सोच सकते हैं.

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