महिलाओं और बच्चे न हों कुपोषण के शिकार, इसलिए इतने पैसे दे रही केंद्र सरकार

नई दिल्ली: केंद्र की मोदी सरकार ने शुक्रवार को लोकसभा में कहा है कि बच्चों, गर्भवती महिलाओं और किशोरियों के कुपोषण के मामले पर ध्यान देने के लिए 9000 करोड़ रुपये से अधिक चिह्नित किये गये हैं। मोदी सरकार में महिला और बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने संसद के प्रश्नकाल में कहा है कि सरकार ने 18 दिसंबर 2017 में पोषण अभियान आरंभ किया था जो तीन वर्ष की अवधि के लिए शुरू किया गया। 

स्मृति ईरानी ने कहा कि पोषण अभियान के लिए कुल 9046 करोड़ रुपये का बजट रखा गया था। मोदी सरकार में महिला और बाल विकास मंत्री ने कहा कि, ‘‘इसके तहत सभी 36 प्रदेशों और केंद्रशासित प्रदेशों और जिलों को रखा गया है। पोषण अभियान का मकसद छह वर्ष तक की आयु के बच्चों, किशोरियों, गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं के पोषण स्तर में निर्धारित लक्ष्यों के साथ तीन वर्ष की अवधि में समयबद्ध तरीके से सुधार करना है।’’

आपको बता दें कि भारत के कुछ प्रदेशों में इन दिनों कुपोषण खतरनाक स्तर पर पहुँच गया है, जिसको देखते हुए सरकार ने बच्चों और महिलाओं को कुपोषण से बचाने के लिए विशेष कार्यक्रम शुरू किया था। जिसे सरकार ने पोषण अभियान का नाम दिया था, जिसके तहत ऐसे बच्चों और महिलाओं को पोषित आहार मुहैया कराया जा सके।

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