लगातार 3 राज्यों में मिली हार ने मोदी को दिलाई इन वरिष्ठ नेताओं की याद

नई दिल्ली: हाल ही में पांच राज्यों में चुनाव हुए जिसमे तीन राज्य राजस्थान,मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में  हुए चुनावों में भारतीय जनता पार्टी को हार का मुंह देखना पड़ा था. जिसके बाद पार्टी के अंदर काफी उथल-पुथल का माहौल बन गया है. हालांकि चुनावो में मिली इस हार को भारतीय जनता पार्टी ने जनता का फैसला बताया है और उन्होंने हार  को स्वीकार कर लिया है. 

तीनो राज्यों में कांग्रेस से मिली इस हार से सबक लेते हुए नरेंद्र मोदी 2019 में होने वाले लोकसभा चुनावों के लिए अपनी नीति में बड़ा बदलाव करने की तैयारी में है. ऐसी संभावना जताई जा रही है कि तीन राज्यों में मिली हार के बाद नरेंद्र मोदी ने भारतीय जनता पार्टी के  सभी वरिष्ठ नेताओं को याद किया है. जिसके तहत वो आगामी 2019 के लोकसभा चुनावों में अब 75 वर्ष और उससे अधिक की उम्र के नेताओं को भी मौका दे सकते हैं.

गौरतलब है की  वर्ष 2014 में जब नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में चुनाव जीतकर केंद्र में बीजेपी सत्ता में आयी थी तब पार्टी के कई नेता जिनकी उम्र 75 साल या उससे अधिक थी उन वरिष्ठ नेताओं को उस समय न तो मंत्री बनाया और न ही उन्हें कोई पद देने का निर्णय लिया गया था. जिसके चलते  लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी इसके अलावा पार्टी के और भी नेता जिन्हे उस समय मंत्रिमंडल में जगह नहीं दी गई थी जिनमें से शांता कुमार, बीसी खंडूरी, हुकुम देव यादव, कारिया मुंडा, बिजया चक्रवर्ती प्रमुख है. जबकि नरेंद्र मोदी सरकार के केंद्रीय मंत्री रहे  कलराज मिश्रा और नजमा हेपतुल्ला को उनकी उम्र 75 वर्ष पूरी होने पर मंत्रिमंडल से इस्तीफा देना पड़ा था. लेकिन एक बार फिर से नरेंद्र मोदी ने लोकसभा चुनावो के पहले पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को मनाने के कयास में लग गए है.

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