कोरोना वायरस के इलाज के लिए पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड ने कोरोनिल दवा विकसित की है. जिसको वायरस के इलाज में काफी कारगर माना जा रहा है. वही, हाल ही में भारत सरकार के आयुष मंत्रालय ने कोरोना वायरस की दवा खोज लेने के दावों को लेकर मीडिया में छपी रिपोर्टों पर संज्ञान लिया है और साफ़ तौर पर कहा है कि कथित वैज्ञानिक अध्ययन के दावों की सच्चाई और विवरण के बारे में मंत्रालय को कोई जानकारी नहीं है. चीन बॉर्डर पर निर्माण कार्यों के लिए पहुंचे 230 मजदूर आयुष मंत्रालय के बयान के बाद पतंजलि के चेयरमैन आचार्य बालकृष्ण ने इसे 'कम्युनिकेशन गैप' बताते हुए यह दावा किया है कि 'उनकी कंपनी ने आयुष मंत्रालय को सारी जानकारी उपलब्ध कराई है. दवा को लेकर बालकृष्ण ने अपने ट्वीट में लिखा है कि "यह सरकार आयुर्वेद को प्रोत्साहन व गौरव देने वाली है. क्लीनिकल ट्रायल के जितने भी तय मानक हैं, उन 100 प्रतिशत पूरा किया गया है. भारतीय रेलवे का बड़ा एलान, 15 अगस्त के पहले नहीं शुरू होगी रेल सुविधा लेकिन इन सभी वाद विवाद के बीच पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड के लिए खुशखुबरी है. पतंजलि की कोरोनिल दवा को आयुष मंत्रालय की और से हरी झंडी मिल गई है. उम्मीद की जा रही है, कि दवा के बाजार में ब्रिकी के लिए आने के बाद वायरस के इलाज में डॉक्टर्स को पहले से अधिक सफलता प्राप्त होगी. खेल प्रतियोगियातों के शुरू होने से खुश नहीं है बत्रा राज्यपाल लालजी टंडन की हालत में तेजी से आ रहा है सुधारइंदौर के पिकनिक स्पॉटों पर इस वजह से लोगों के जाने पर लगा प्रतिबंध