आदिवासी बच्चों की पढ़ाई के नाम पर जुटाए गए '13 करोड़' हजम कर गईं मेधा पाटकर, FIR दर्ज

इंदौर: सामाजिक कार्यकर्ता होने के नाम पर कभी CAA विरोधी प्रदर्शन, तो कभी किसान आंदोलन में शामिल होने वाली मेधा पाटेकर पर मध्य प्रदेश में केस दर्ज हुआ है। आरोप है कि नर्मदा नवनिर्माण अभियान की ट्रस्टी मेधा ने सामाजिक कार्यों के नाम पर जुटाई गई 13.50 करोड़ रुपए से ज्यादा राशि का गलत इस्तेमाल किया गया है। उन्होंने इस पैसे को सियासी गतिविधियों और विकास परियोजनाओं के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने में उपयोग किया गया।

ये शिकायत मध्यप्रदेश के बड़वानी में 25 साल के प्रीतम राज ने दर्ज करवाई है। इसमें मेधा पाटेकर के साथ ही 11 नाम और भी शामिल हैं। सबके खिलाफ IPC की धारा 420 के तहत बड़वानी में ही केस दर्ज हुआ है। FIR की प्रति के मुताबिक, शिकायतकर्ता ने नर्मदा बचाओ आंदोलन की संस्थापक मेधा पाटेकर व उससे संबंधित सदस्यों पर आरोप लगाया है कि ये लोग आदिवासी बच्चों को शिक्षित करने के नाम पर जनता को गुमराह करते हैं। साथ ही जुटाई गई धन राशि का दुरूपयोग करते हैं। शिकायतकर्ता के मुताबिक, मेधा पाटेकर दिखाती हैं कि उनकी संस्था नर्मदा घाटी के लोगों के कल्याण के लिए मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र के आदिवासी बच्चों को प्राथमिक स्कूल की शिक्षा देने के अलावा शैक्षिक उद्देश्यों के लिए आवासीय जीवन शालाएँ भी प्रदान करती है। मगर, वास्तविकता में सामाजिक कल्याण के नाम पर जुटाए गए पैसों से धोखाधड़ी हो रही है।

SP दीपक कुमार शुक्ला ने भी इस बारे में बताया है कि राजपुर थाना क्षेत्र के टेमला बुजुर्ग निवासी प्रीतम राज की शिकायत पर मेधा पाटेकर, परवीन समी जहाँगीर, विजया चौहान और संजय जोशी सहित 12 लोगों के खिलाफ धारा 420 के तहत मामला दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी गई है। उन्होंने बताया है कि मेधा पाटेकर व संस्था से जुड़े अन्य लोगों ने नर्मदा नवनिर्माण अभियान के नाम पर 2007 से 2022 के बीच शैक्षणिक और सामाजिक गतिविधियों के नाम पर 13 करोड़ (13,52,59,304)  से अधिक रुपए जुटाए और इनका प्रयोग गलत उद्देश्यों से किया। पुलिस का कहना है कि जाँच के बाद इस मामले में धाराएँ बढ़ सकती हैं।

FIR में सवाल किए गए हैं कि 13,52,59,304 रुपयों को संस्था द्वारा जमा व खर्च किया गया। मगर, न तो इसके स्त्रोत पर खुलासा हुआ और न ही ये बताया गया कि इन पैसों को कहां खर्च कहाँ किया गया है। FIR में आरोप है कि इस राशि को सियासी व राष्ट्र विरोधी एजेंडा फैलाने के लिए उपयोग किया गया। शिकायतकर्ता ने माँग की है कि इस धनराशि के स्त्रोत और खर्च की जाँच की जानी चाहिए। FIR में लिखा है कि मेधा पाटेकर ने इंदौर की कोर्ट में अपनी वार्षिक आमदनी 6000 रुपए बताई थी, जबकि 2007 से 2021-22 के बीच उन्हें 19,25, 711 रुपए प्राप्त हुए हैं। ऐसे में आशंका जाहिर की गई कि नर्मदा नव निर्माण अभियान या तो मनी लॉन्डरिंग के लिए खोला गया मोर्चा है या फिर इसे भारत विरोधी गतिविधियों का वित्त पोषण करने के लिए खोला गया है।

स्थानीय मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, मेधा पाटेकर ने फिलहाल उनके खिलाफ बड़वानी में दर्ज मामले के संबंध में सूचना होने से मना किया है। उन्होंने कहा कि उनके ऊपर इस प्रकार के इल्जाम पहले भी लगे हैं। मगर, सच ये है कि उनके पास आय और व्यय दोनों से संबंधित जानकारी व ऑडिट है। इसके साथ ही अपने अकॉउंट को लेकर उन्होंने कहा कि अपना अकॉउंट वह खुद संचालित नहीं करती हैं। इसे एक रिटायर्ड व्यक्ति चलाते हैं।

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