कोरोना के कहर के बीच केरल राज्य मानवाधिकार आयोग ने एक घटना के सिलसिले में 'सू मोटो केस' दर्ज किया है, जहां एक व्यक्ति को अपने 65 वर्षीय बीमार पिता को पैदल ले जाने के लिए मजबूर किया गया. यह शख्‍स अपने बीमार पिता को ऑटोरिक्शा में ले जा रहा था, लेकिन पुलिस ने लॉकडाउन का हवाला देते हुए इन्‍हें रोक लिया. हरियाणा में शुरू हुआ सरसों का व्यापार, पहले दिन 4500 किसानों से 10 हजार मीट्रिक टन खरीदा आपकी जानकारी के लिए बता दे कि ऐसे में बीमार पिता को गोद में उठाकर शख्‍स को ले जाना पड़ा. पुलिस की इस हरकत का वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है. देशभर में लॉकडाउन के दौरान कई ऐसे दृश्‍य देखने को भी मिल रहे हैं, जिनसे आंखों से आंसू निकल पड़ते हैं. लंबे समय तक सूनसान पड़ी रहेगी गलियां, अगर रेड जोन में आ गया आपका जिला अगर आपको नही पता तो बता दे कि कुलथुपुझा के मूल निवासी 65 वर्षीय बीमार व्यक्ति को पुनालुर तालुक अस्पताल में भर्ती कराया गया था. बुधवार को उसे अस्‍पताल से छुट्टी दे दी गई. ऐसे में बेटे द्वारा एक ऑटोरिक्शा में उन्‍हें घर वापस ले जाया जा रहा था. लेकिन रास्‍ते में पुलिसवाले बैरिकेडिंग करके बैठे हुए थे, जिन्होंने ऑटोरिक्‍शा को रोक लिया. बीमार शख्‍स के बेटे ने पुलिसवालों को अस्‍पताल के दस्‍तावेज भी दिखाए और गुजारिश की कि उन्‍हें ऑटोरिक्‍शा में जाने दिया जाए. लेकिन पुलिसवाले नहीं माने और कहा कि लॉकडाउन के कारण ऑटोरिक्‍शा आगे नहीं जा सकता है. कोरोना से सबसे ज्यादा पीड़ित है यह शहर, अब तक कुल 664 लोग हुए संक्रमित 20 अप्रैल से लॉकडाउन में बाहर घूमने वालों को यह नियम करना पड़ेगा फॉलो मिनटों में रेलवे ने यात्रियों के चेहरे पर लौटाई खुशी, लॉकडाउन में मिला बड़ा फायदा