द कश्मीर फाइल्स: कोर्ट में वकील फिल्म को झूठी न कह सके, लेकिन ममता बनर्जी इसे बता रही 'बनावटी कहानी'

कोलकाता: कश्मीरी पंडितों के वीभत्स नरसंहार को दर्शाती फिल्म 'द कश्मीर फाइल्स' को कई राज्यों ने टैक्स फ्री कर दिया है, किन्तु वरिष्ठ अधिकारियों से प्राप्त जानकारी के मुताबिक, बंगाल की ममता बनर्जी सरकार इस फिल्म को टैक्स फ्री करने से इनकार कर दिया है। इस बीच 'द कश्मीर फाइल्स' को लेकर बंगाल सीएम ममता बनर्जी ने इशारों-इशारों में कह दिया है कि कोई भी इस फिल्म को थिएटर में जाकर ना देखें। इसके साथ ही ममता बनर्जी ने यह भी कहा है कि फिल्मों में बनावटी कहानी होती है। इसमें कोई हकीकत नहीं होती। फिल्म पैसे कमाने के लिए बनाई जाती है।

बता दें कि, इस फिल्म की रिलीज़ से पहले वकील इंतेज़ार हुसैन सईद ने बॉम्बे हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। उनका कहना था कि यह फिल्म मुस्लिमों की भावनाएं आहत करती हैं। उन्होंने यह भी कहा था कि इस फिल्म के रिलीज़ होने से सांप्रदायिक हिंसा फ़ैल सकती है। लेकिन यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि, आज फिल्म की रिलीज़ को 8 दिन हो चुके हैं, मगर कहीं से देश के बहुसंख्यक समुदाय द्वारा किसी प्रकार की हिंसा की खबर सामने नहीं आई है। बल्कि बहुसंख्यक समुदाय अपने ही देश में अपने ही लोगों की ऐसी दयनीय स्थिति देखकर सुबक रहा है। गौर करने वाली बात यह भी है कि इंतेज़ार हुसैन की याचिका में इस बात पर जोर नहीं दिया गया था कि यह फिल्म झूठी है, काल्पनिक है और इसपर रोक लगाई जानी चाहिए। जैसा कि ममता बनर्जी कह रही हैं। अगर फिल्म को कोर्ट में झूठी साबित कर दिया जाता तो निश्चित ही उसपर रोक लग सकती थी। लेकिन, विवेक अग्निहोत्री ने 700 कश्मीरी हिन्दुओं के इंटरव्यू लेकर उनकी पीड़ा सुनी हैं और उसके आधार पर फिल्म तैयार की हैं। 

वहीं, तृणमूल कांग्रेस (TMC) सुप्रीमो और बंगाल सीएम ममता बनर्जी का कहना हैं कि किसी को भी सिनेमा हाल में जाकर फिल्म देखने की जरूरत नहीं है। ऐसी फिल्में जान-बूझकर बनाई गई हैं, ताकि नफरत फैले और हिंसा भड़के। ममता ने कहा कि यह बनावटी कहानी है। इसमें कोई सच्चाई नहीं है। फिल्म, फिल्म होती है और पैसे देकर बनाई जाती हैं। कोई भी इस प्रकार की फिल्म देखकर बंगाल में किसी तरह से माहौल बिगाडऩे का प्रयास न करें, नहीं तो अंजाम बुरा होगा। वहीं, विपक्ष ने ममता बनर्जी के इस बयान को लेकर उनपर फिर से तुष्टिकरण का आरोप लगाया है। बता दें कि कश्मीर की तरह बंगाल में भी 2021 में पलायन हुआ था। विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद भड़की हिंसा में कई लोग मारे गए थे और महिलाओं के बलात्कार हुए थे, जिसके बाद बड़ी संख्या में लोग पलायन कर पड़ोसी राज्यों में चले गए थे। फिलहाल बंगाल हिंसा के सभी मामलों की जांच CBI कर रही हैं और इसकी सुनवाई कोलकाता हाई कोर्ट में चल रही हैं। 

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