शख़्स से शख्सियत बने धोनी की कहानी

भारत के पूर्व और सबसे सफल कप्तानों में से एक महेन्द्र सिंह धोनी का जन्म झारखंड के रांची में 7 जुलाई, 1981 में हुआ. उनके पिता का नाम पानसिंह व माता का नाम देवकी देवी है. धोनी के भाई का नाम नरेन्द्र और बहन का नाम जयंती है. महेन्द्र सिंह धोनी की पत्नी का नाम साक्षी है. उनका पैतृक गांव उत्तराखंड में है लेकिन बाद में उनके पिता रांची बस गए थे. 

 

कैप्टन कूल के नाम से मशहूर टीम इंडिया के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी दो दिन बाद आज सात जुलाई को 37 साल के हो चुके है. उनके जन्मदिन के मौके पर हम आपको उनकी जिंदगी से जुड़े कुछ बेहद खास किस्से बताने जा रहे हैं.  रांची के डीएवी जवाहर विद्या मंदिर, श्यामली से पढ़ाई पूरी करने के साथ धोनी ने खेलों में भी सक्रिय रुप से हिस्सा लेना शुरु कर दिया था. 

 

दरअसल, धोनी क्रिकेट के मैदान पर जितने संजीदे दिखते हैं उतने वो वास्तविक जीवन में नहीं हैं. अपने दोस्तों के साथ वह काफी मजाक करते है.  अपने शुरुआती दिनों में पूर्व कैप्टेन कूल धोनी लंबे-लंबे बाल रखते थे. धोनी को तेज रफ्तार बाइक और कारों का काफी शौक़ है. आज भी जब कभी धोनी को वक्त मिलता है तो वह अपनी पसंदीदा बाइक पर अपने शहर का चक्कर लगाते हैं.

 

धोनी ने 2001 से 2003 तक रेलवे में टीटीई की नौकरी भी की. अपनी कप्तानी में देश को धोनी ने 2007 में टी-20 विश्व कप,  2011 में वर्ल्ड कप और 2013 में चैंपियन ट्रॉफी का खिताब दिलाया. उनकी गिनती सबसे सफल भारतीय कप्तान के रूप में की जाती है. धोनी अपनी विकेट कीपिंग को लेकर भी काफी मशहूर है. धोनी ने आईपीएल में भी चेन्नई सुपरकिंग्स को जीत दिलाने में निर्णायक भूमिका निभाई है.  अपने फैसलों की वजह से मैदान पर वह सबसे चहेते क्रिकेटर बन चुके हैं.

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