मध्य प्रदेश श्रमिकों के लिए रोजगार की समस्या होगी दूर, सरकार ने गठन किया आयोग

भोपाल : कोरोना लॉकडाउन के वजह से हर कोई आर्थिक तंगी से जुझ रहा है. ऐसा ही हाल प्रवासी श्रमिकों का भी है, श्रमिकों को रोजगार की चिंता सता रही है.  वहीं प्रवासी श्रमिकों को लेकर राज्य सरकारें लगातार कोशिशें कर रही हैं. यूपी के रोजगार अभियान के बाद अब मध्यप्रदेश ने प्रवासी मजदूरों को उनकी योग्यता के मुताबिक काम दिलवाने और उनके विकास कार्यों को क्रियांवित करने के लिए मध्यप्रदेश राज्य प्रवासी श्रमिक आयोग का गठन करने वाली है. इस आयोग के तहत प्रवासी मजदूरों को रोजगार के संसाधन उपलब्ध कराने एवं उनके परिवार के कल्याण की योजनाओं के निर्धारण के लिए कार्ययोजना बनाने में मदद मिल पाएगी.

दरअसल मध्यप्रदेश सरकार का उद्देश्य इस आयोग के माध्यम से दूर-दराज के इलाकों से आए प्रवासी मजदूरों  की आजीविका की समस्या के समाधान के साथ रोजगार सृजन करना भी है. दो साल के कार्यकाल वाले इस आयोग के अध्यक्ष को राज्य शासन द्वारा नामांकित किया जाएगा.   इसके दो सदस्य को राज्य द्वारा नामांकित किया जाएगा. राज्य सरकार, आयोग के कर्तव्य एवं उद्देश्य निर्धारित करेगा. आयोग को अपने कार्यकाल में प्रवासी श्रमिकों की सामाजिक एवं आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ करने के लिए आवश्यक सिफारिशें प्रस्तुत करनी होगी. श्रम विभाग द्वारा गठित इस आयोग  सदस्यों, व्यक्तियों, संगठनों  विभागों, मंडलों आदि से आवश्यक परामर्श करेगा और इसके बाद अपनी सिफारिशे राज्य  सरकार को देगा .

 हालांकि जिस पर अमल करते हुए राज्य सरकार प्रवासी श्रमिकों के लिए रोजगार से लेकर कल्याण तक की योजनाओं का निर्माण करने वाली है. इसका कार्यक्षेत्र  पूरा मध्यप्रदेश होगा. इसमें पात्रता के लिए श्रमिक का प्रदेश का मूल निवासी होना अनिवार्य है. उन्हें एक मार्च 2020 या उसके बाद मध्य प्रदेश लौटना अनिवार्य है. इन श्रमिकों को राज्य शासन की विभिन्न योजनाओं में लाभ दिया जाएगा. 

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