आप सभी को बता दे कि आज चैत्र नवरात्रि का सातवां दिन है. जी हाँ, चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को मां कालरात्रि की पूजा करने का विधान है और मां दुर्गा के सातवीं स्वरूप और चार भुजाओं वाली मां कालरात्रि असुर रक्तबीज का संहार करने के लिए उत्पन्न हुई थीं. आप सभी को बता दें कि मां कालरात्रि को शुभंकरी भी कहते हैं. यह भी कहा जाता है चैत्र नवरात्रि के सांतवे दिन मां कालरात्रि की पूजा करने से व्यक्ति की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. केवल इतना ही नहीं इस दिन किए गए अपने शुभ कर्मों के शुभ फल की प्राप्ति होती है. जी दरअसल मां कालरात्रि का स्वरूप अद्भुत है और उनका शरीर कृष्ण वर्ण यानी काले रंग का है, इसलिए भी उनको कालरात्रि के नाम से पुकारते हैं. ऐसे में आपको मां कालरात्रि को प्रसन्न करने के लिए आरती को करना चाहिए, जो हम आपको बताने जा रहे हैं. मां कालरात्रि की आरती - कालरात्रि जय-जय-महाकाली. काल के मुह से बचाने वाली. दुष्ट संघारक नाम तुम्हारा. महाचंडी तेरा अवतार. पृथ्वी और आकाश पे सारा. महाकाली है तेरा पसारा. खड्ग खप्पर रखने वाली. दुष्टों का लहू चखने वाली. कलकत्ता स्थान तुम्हारा. सब जगह देखूं तेरा नजारा. सभी देवता सब नर-नारी. गावें स्तुति सभी तुम्हारी. रक्तदंता और अन्नपूर्णा. कृपा करे तो कोई भी दुःख ना. ना कोई चिंता रहे बीमारी. ना कोई गम ना संकट भारी. उस पर कभी कष्ट ना आवें. महाकाली मां जिसे बचावे. तू भी भक्त प्रेम से कह. कालरात्रि मां तेरी जय. कोरोना वायरस के बीच हुई सलमान खान के भतीजे की मौत, शोक में डूबा परिवार कोरोना: क्या देशभर में लागू होगा आपातकाल ? इंडियन आर्मी ने दिया जवाब कोरोना: आखिर क्यों राज्यपाल लालजी टंडन ने चखा भोजन?