उत्तराखंड : 35 वर्षों से हर शनिवार रहती है हड़ताल, SC ने जारी किया नोटिस

शनिवार को उत्तराखंड के तीन जिलों में बीते 35 वर्षों से प्रत्येक वकीलों द्वारा हड़ताल की जा रही है. शायद ये सुनने में थोड़ा अजीब लगे, लेकिन इन तीन जिलों के वकील पिछले 35 सालों से ऐसा करते आ रहे हैं. यानि जब उत्तराखंड राज्य बना भी नहीं था तब से ही वकीलों की ओर से शनिवार को की जाने वाली हड़ताल बदस्तूर जारी है. ये तीन जिले देहरादून, हरिद्वार और उधम सिंह नगर हैं. 

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सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को इस मामले को गैरकानूनी ठहराया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि उत्तराखंड की जिला अदालतों में हर शनिवार की जाने वाली वकीलों की हड़ताल अवमानना के बराबर है. कोर्ट ने इसे लेकर बार काउंसिल ऑफ इंडिया और राज्य बार काउंसिल को नोटिस जारी किया.

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आपकी जानकारी के लिए बता दे कि सुप्रीम कोर्ट ने बीते 35 वर्षों से प्रत्येक कामकाजी शनिवार को इस तरह का मजाक करने और पाकिस्तान के स्कूल में बम विस्फोट तथा नेपाल में भूकंप जैसे तुच्छ कारणों’ को लेकर हड़ताल बुलाने के लिए वकीलों को 21 फरवरी को फटकार लगाई थी. यह मामला शीर्ष अदालत के संज्ञान में तब आया था जब वह उत्तराखंड हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ दायर एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी. हाईकोर्ट ने देहरादून और हरिद्वार तथा उधम सिंह नगर के कई हिस्सों में वकीलों द्वारा प्रत्येक शनिवार को अदालती काम-काज का बहिष्कार करने या हड़ताल करने को गैरकानूनी ठहराया था.

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