म.प्र चुनाव में क्षत्रिय करणी सेना ने की 100 विधानसभा सीटों की मांग

भोपाल। मध्यप्रदेश में विधानसभा के चुनाव होने वाले है।  इस चुनाव के पहर से पहले समाजों ने सत्ता में हिस्सा लेने की की मांग शुरू कर दी है। वही क्षत्रिय करणी सेना ने 100 विधानसभा सीटें की मांग की है। करणी सेना द्वारा प्रमुख दोनों पार्टी बीजेपी और कांग्रेस से सीटों पर क्षत्रिय समाज के नेताओं को टिकट देने की मांग की गई है। ऐसा नहीं होने पर निर्दलीय चुनाव भी लड़ने की चेतावनी दी गई है। साथ ही प्रदेश में लव जिहाद और लैंड जिहाद कानून, क्षत्रिय कल्याण बोर्ड बनाने की मांग भी की गई।

क्षत्रिय करणी सेना राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. राज शेखावत के मुताबिक क्षत्रिय एकता महापड़ाव 27 अगस्त को भोपाल में होगा। क्षत्रियों की सत्ता में भागीदारी, क्षत्रिय कल्याण बोर्ड, लव जिहाद ,लैंड जिहाद के विरुद्ध कानून, गो हत्या मुक्त मध्यप्रदेश और सनातन बोर्ड के गठन जैसी मांगों को लेकर क्षत्रिय करणी सेना परिवार का भोपाल में महापड़ाव होने जा रहा है।इस महापड़ाव में 12 विषय पर मांग की जाएगी। 

राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. शेखावत के मुताबिक मध्यप्रदेश की कुल 230 विधानसभा सीटों में से 100 ऐसी हैं, जहां क्षत्रियों की संख्या अधिक है। यहां क्षत्रिय समाज का सीधा दखल है। इसलिए इनमें समाज के व्यक्ति को ही टिकट दिया जाना चाहिए। महापड़ाव में इन12 विषय पर मांग की जाने की बात कही गई है।

 

 

 

सत्ता में भागीदारी के लिए विधानसभा चुनाव में 100 सीटों पर क्षत्रियों को टिकट दिए जाए।​

ईडब्ल्यूएस की सभी विसंगतियां दूर कर मात्र 8 लाख रुपए और कम आय का प्रावधान किया जाए।

प्रदेश में गो रक्षार्थ कड़े कानून बनाना और गो माता को राष्ट्र माता का दर्जा दिलवाने के लिए उत्तराखंड की तर्ज पर बिल पास कर केंद्र को भेजा जाए।

क्षत्रिय कल्याण बोर्ड और सवर्ण आयोग का गठन हो।

सनातन बोर्ड का गठन भी किया जाए।

लव जिहाद, लैंड जिहाद को लेकर कड़ा कानून बनाया जाए। गुजरात में यह कानून बना है। इसी तर्ज पर मध्यप्रदेश में भी कानून बने।

क्षत्रिय छात्रों के लिए प्रत्येक जिले में हॉस्टल का निर्माण किया जाए।

महापुरुषों और वीरांगनाओं का इतिहास संरक्षित करने के लिए भी आयोग का गठन किया जाए।

आरक्षण का कोई भी विरोध नहीं, लेकिन आरक्षण की समीक्षा हो। क्रिमिलेयर का प्रावधान हो। ताकि जरूरतमंद वंचित लोगों तक इसका लाभ पहुंच सके। आरक्षण का प्रावधान आर्थिक आधार पर किया जाए।

सभी भूतपूर्व सैनिकों और शहीदों के परिवारों को आर्थिक सहायता और सरकारी नौकरियों में वरियता दी जाए।

एट्रोसिटी एक्ट का विरोध नहीं, लेकिन इसके दुरुपयोग को रोकने के लिए भी कानून बने। प्रोत्साहन राशि का भुगतान बंद करना और गिरफ्तारी जांच के बाद ही हो।

बुंदेलखंड संभाग को अलग राज्य घोषित किया जाए।

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