हिन्दू नव वर्ष मनाने की सजा, 2 छात्र निलंबित, 500 स्टूडेंट्स का भोजन बंद... झारखंड के एक कॉलेज का मामला

रांची: झारखंड के पश्चिम सिंहभूम जिले के जगन्नाथपुर पालिटेक्निक कालेज में हिन्दू नववर्ष मना रहे 2 स्टूडेंट्स को निलंबित करने का मामला सामने आया है। इसके साथ ही यह भी बताया जा रहा है कि 500 हिन्दू छात्रों का भोजन भी बंद करवा दिया गया है। खबरों के अनुसार, हिन्दू नववर्ष का आयोजन कॉलेज प्रबंधन के हिसाब से अनुशासनहीनता है। इस घटना का एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें सज़ा पाए स्टूडेंट्स से बात करने का दावा किया जा रहा है। यह घटना 2 अप्रैल, 2022 (शनिवार) की है।

 

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, कुछ छात्रों का आरोप है कि शनिवार को कुछ छात्र हिन्दू नववर्ष मनाने के लिए हॉस्टल की छत पर इकठ्ठा हुए थे। इस दौरान इन छात्रों ने जय श्री राम का नारा लगाया। इसी बीच स्कूल के प्रिंसिपल संजीव कुमार वहां पर आ गए। उनके आने की जानकारी पाते ही कई छात्र हॉस्टल में अपने कमरों की ओर भाग गए। जब प्रिंसिपल पहुँचे तब 3 छात्र अमृत, घनश्याम व एक अन्य उन्हें मौके पर मिले। प्रिंसिपल को बताया गया कि उस कार्यक्रम के आयोजक वही तीन स्टूडेंट्स थे। प्रिंसिपल ने इनमें से 2 छात्रों को सस्पेंड कर दिया व एक छात्र को कॉलेज से निकाल दिया। प्रिंसिपल की इस कार्रवाई से नाराज छात्रों की उनसे बहस भी हुई। छात्रों ने कार्यक्रम में शामिल हर किसी को निलंबित करने की माँग की। 

 

बताया जा रहा है कि शाम को स्कूल का मेस भी बंद करवा दिया गया। इस पूरे घटनाक्रम को अश्वनी श्रीवास्तव नामक एक शख्स ने इस पूरी घटना को सीएम हेमंत सोरेन व कुछ अन्य लोगों को टैग कर के ट्वीट किया गया है। इसी वीडियो में 500 हिन्दू छात्रों का भोजन बंद करवाने का भी दावा किया गया है। घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होते ही स्थानीय प्रशासन हरकत में आ गया। वहीं स्कूल के प्रिंसिपल ने इस घटना पर अपनी सफाई दी है। प्रिंसिपल का कहना है कि, 'सीएम सोरेन को ट्वीट की गई बातें पूरी तरह से गलत है। कॉलेज में हर धर्म के बच्चे पढ़ते हैं। कुछ छात्र कॉलेज की छत पर जय श्रीराम का नारा लगारहे थे। इस से माहौल पर गलत असर पड़ता है। इसी कारण मैंने अमृत और घनश्याम नाम के छात्रों को निलंबित किया है। इन छात्रों के परिजनों को भी बुलाया गया है। अमृत हमारे स्कूल का टॉपर छात्र है। उसको किसी ने उकसाया है।'

प्रिंसिपल संजीव ने आगे कहा कि, 'मेस बंद करवाने वाली बात भी गलत है। मेस चलाने का काम खुद स्टूडेंट्स ही करते हैं। हम तो उन्हें खाने की सामग्री देते हैं। ऐसे में मैं मेस क्यों बंद करूंगा। मैंने घटना की जानकारी स्थानीय थाने और BDO को दे दी है। इसी के साथ मामले की छानबीन के लिए सीनियर टीचर एम् एस झा के नेतृत्व में कर्मचारियों की 7 सदस्य की टीम बनाई है। हम किसी विद्यार्थी का भविष्य नहीं खराब करना चाहते, बल्कि उन्हें अनुशासन में रखना चाहते हैं। किसी स्टूडेंट को निष्कासित किए जाने की बात गलत है।'

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