जम्मू-कश्मीर: बीजेपी के अलावा कोई दल सक्रिय नहीं, नजरबंद हैं विपक्षी नेता

श्रीनगरः केंद्र सरकार द्वारा बीते पांच अगस्त को राज्य में विशेष दर्जा खत्म करने के बाद यहां राजनीतिक गतिविधियां ठप हो चुकी हैं। राज्य के प्रमुख विपक्षी नेता सरकार द्वारा नजरबंद कर दिए गए हैं। इसके अलावा कई नेताओं पर राजनीतिक गतिविधियां न करने की पाबंदियां लगाई गई हैं। सुप्रीम कोर्ट में इस मामले को लेकर याचिका भी दायर की गई है। विपक्षी दलों के नेताओं की पार्टी की संगठनात्मक गतिविधियां थम गई हैं। ऐसे में सिर्फ भाजपा ही संगठनात्मक चुनाव की तैयारियों समेत अपनी गतिविधियों को चला रही है।

चार अगस्त से पहले सभी दल चुनाव की तैयारी में जुटे थे, लेकिन अब केंद्र पर निशाना साधने के लिए प्रेस से बात करने की भी इजाजत नहीं है। ऐसे में उनके सिर्फ प्रेस बयान ही जारी हो रहे हैं। भले ही जम्मू में जनजीवन सामान्य है, लेकिन किसी विपक्षी पार्टी को राजनीतिक गतिविधि करने की इजाजत नहीं है। हाल ही में डोगरा सदर सभा के प्रधान गुलचैन सह चाढ़क को प्रेस से बात करने से पहले पुलिस ने हिरासत में ले लिया था। हालांकि बाद में चाढ़क ने दावा किया कि वह धारा 370 हटाने का स्वागत करने वाले थे, लेकिन उनको बात ही नहीं करने दी गई।

गौरतलब है कि 31 अक्टूबर को जम्मू-कश्मीर और लद्दाख केंद्र शासित प्रदेश बन जाएंगे। जम्मू-कश्मीर की अपनी विधानसभा होगी। जबकि लद्दाख में विधानसभा नहीं होगी। इस कारण वहां कोई राजनीतिक गतिविधि नहीं हो रही है। सरकार का पूरा फोकस फिलहाल राज्य में हालात को सामान्य बनाने को लेकर है।

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