जानिए क्यों मनाया जाता है इंटरनेशनल माउंटेन डे, क्या है इसका इतिहास

विश्व में पर्वत न होते तो ये दुनिया कितनी अधूरी  लगती। पर्वत जहां खूबसूरती, ऊंचाई और दृढ़ता का प्रतीक माना जाता  हैं, वहीं कई सारे लोगों का जनजीवन इन पर आश्रित होता है। कई लोग तो पहाड़ों पर रहकर अपना जीवन गुजार देते हैं। यहां खेती करके रोजगार भी पा सकते है। पर्वतों पर ही पशुपालन भी होता है, ऐसे में पर्वतों का संरक्षण एक ऐसा विषय है जिस पर वर्तमान जलवायु परिवर्तन को ध्यान में रखते हुए प्रकाश डालने की आवश्यकता है। 11 दिसंबर को पूरी दुनिया इंटरनेशनल माउंटेन डे सेलिब्रेट करती है। ऐसे में बहुत आवश्यक है कि हम इस दिन के महत्व को समझें एवं इतिहास  के बारें में जानकारी हासिल करें। 

इतिहास: दुनिया में पर्वतों का महत्व बहुत ही जरुरी है। बहुत जरूरी है कि पर्वतीय क्षेत्रों का ध्यान रखा जाए इसलिए संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 2002 को संयुक्त राष्ट्र अंतरराष्ट्रीय पर्वत वर्ष का एलान किया गया और 2003 के 11 दिसंबर से इंटरनेशनल माउंटेन डे मनाने का संकल्प लिया। हर वर्ष विश्व के कई सारे लोग पर्वतों के संरक्षण के लिए आगे आते हैं। संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा पर्वतों के लिए एक विषय को भी तय किया जाता  है, जिस पर विभिन्न देश कार्य  करते हैं।

क्यों मनाया जाता है?: इंटरनेशनल माउंटेन डे  सेलिब्रेट करने के पीछे की अहम् वजह यह है कि बहुत सारे लोगों का जनजीवन पर्वतों से जुड़ा हुआ है। जलवायु और भूमिगत परिवर्तनों की वजह से  पर्वतों की भूगोलिक स्थिति में परिवर्तन देखने को मिल रहा है। पर्वतीय क्षेत्रों में विकास होता रहे इसलिए जरूरी है कि इन क्षेत्रों में पर्यावरण संरक्षण हो। पर्वतों से जुड़े लोग पर्वतों के प्रति अपने दायित्वों को समझें, इन्हीं बातों को ध्यान में रखकर हर वर्ष इस दिन का आयोजन होता है।

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