अगले 80 सालों में 30 करोड़ घट जाएगी भारत की आबादी, ये है वजह

नई दिल्ली: आज से लगभग 80 वर्ष बाद भारत की आबादी घटकर 100 करोड़ तक सिमट सकती है. ऐसा प्रजनन दर (fertility rate) में गिरावट की वजह से होगा. संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या डिवीजन के अनुमान के अनुसार, वैश्विक जनसंख्या में भी लगभग 2 अरब की गिरावट आ सकती है. मेडिकल जर्नल 'द लैंसेट' में प्रकाशित वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी की एक स्टडी में यह बात कही गई है.

विगत 70 वर्षों में भारत, कुल प्रजनन दर (total fertility rate-TFR) के मामले में पहले से ही भारी गिरावट से जूझ रहा है. 1950 में भारत की प्रजनन दर 5.6 थी, यानी एक महिला से औसतन 5.6 संतान होती थी. 2017 में ये आंकड़ा घटकर 2.14 तक रह गया . इस अध्ययन में अनुमान जताया गया है कि भारत में वर्ष 2100 तक कुल प्रजनन दर घटकर 1.29 रह जाएगी. सदी के आखिर तक भारत की जनसँख्या 300 मिलियन यानी 30 करोड़ तक कम हो जाएगी.

रिपोर्ट कहती है कि भारत की प्रजनन दर में निरंतर गिरावट जारी रहेगी और वर्ष 2100 तक यह 1.29 तक पहुंच जाएगी. वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी के इंस्टीट्यूट फॉर हेल्थ मेट्रिक्स एंड इवैल्यूएशन के रिसर्चर्स ने दर्शाया है कि 2017 में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी प्रजनन दर में गिरावट आएगी. 2017 में यह 2.4 थी, 2100 तक यह 1.7 यानी करीब आधी हो जाएगी.

रिलायंस ने रचा नया इतिहास, 13 लाख करोड़ के पार पहुंचा मार्केट कैपिटल

नौ जुलाई तक चलाई गई स्पेशल ट्रेनों में बड़ी संख्या में मजदूर पहुंचे घर

वेतन कटौती पर बोली एयर इंडिया - हमारे किसी कर्मचारी की नौकरी नहीं जाएगी

Related News