भारतीय मूल की अमिका जॉर्ज ने जीता 'ऑस्कर'

न्यूयॉर्क: ब्रिटेन में डाउनिंग स्ट्रीट पर दिसंबर 2017 में अपने दादाजी और 2,000 अन्य प्रदर्शनकारियों के साथ स्कूल में गरीब लड़कियों के लिए मुफ्त स्वच्छता उत्पादों की मांग करने के लिए 18 वर्षीय अमीका जॉर्ज को तीन गोलकीपर ग्लोबल गोल पुरस्कारों में से एक प्रदान किया गया है, जिसे सामान्यतः सामाजिक प्रगति के लिए ऑस्कर अवार्ड के नाम से भी जाना जाता है. भारतीय मूल की अमिका ने ब्रिटेन में अपना पूरा जीवन जीया है, उसके दादा दादी भारत के दक्षिणी राज्य केरल से अमेरिका जा बसे थे.

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मंगलवार की रात न्यू यॉर्क में हुए इस समारोह में दो अन्य पुरस्कार, इराक में इस्लामी राज्य (आईएस) नरसंहार की एक याज़ीदी उत्तरजीवी 24 वर्षीय नाडिया मुराद और 28 वर्षीय डिस्मुस किसिलू को मिले, किसीलु ने अक्षय ऊर्जा समाधान के द्वारा केन्या में छोटे किसानों की पैदावार में 150 प्रतिशत वृद्धि की. ग्लोबल एक्शन और संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्यों पर प्रगति को ट्रैक करने के लिए 2017 में गोलकीपर को बिल गेट्स और मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन द्वारा शुरू किया गया था.

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फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमानुअल मैक्रॉन, महिला और बच्चों के अधिकार कार्यकर्ता ग्रैका मैकेल, लेखक-कार्यकर्ता रिचर्ड कर्टिस, संगीतकार किंग काका और अभिनेता स्टीफन फ्रा इस साल वक्ताओं में शामिल थे. पुरस्कार मिलने के बाद अमीका ने कहा कि स्कूली लड़कियों की दुर्दशा को देखने के बाद उन्होंने यह अभियान शुरू किया था, उन्होंने बताया कि स्कूल में लड़कियों को पीरियड के दौरान खून आने पर दण्डित किया जाता था, क्योंकि वे पैड्स अफ़्फोर्ड नहीं कर सकती थी. 

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