'भारत को महाशक्ति नहीं बनना है', आखिर क्यों मोहन भागवत ने दे डाला ये बयान?

पटना: RSS के सरसंघचालक डॉ मोहन भागवत ने कहा कि भारत को महाशक्ति नहीं बनना है। यह महाशक्ति के लिए बना भी नहीं है। भारत का निर्माण दुनिया के कल्याण के लिए हुआ है। सारण जिले के दिघवारा मौजूद शहीदों के गांव मलखाचक में रविवार को आयोजित सभा को वे संबोधित कर रहे थे। 

उन्होंने विश्वशक्ति बनने के फेर में तबाही का परिणाम के तौर पर रूस एवं यूक्रेन युद्ध का उदाहरण पेश किया। उन्होंने कहा कि दोनों देशों ने कितनी तबाही मचाई है। सभा से पूर्व संघ प्रमुख ने शहीद श्री नारायण सिंह की मूर्ति का अनावरण किया तथा पत्रकार रविन्द्र कुमार की पुस्तक आंदोलन की बिखरी कड़ियां का विमोचन भी किया। सारण एवं सूबे के कई क्षेत्रों से आये तकरीबन 350 स्वतंत्रता सेनानी के घरवालों को सम्मानित करने के पश्चात् आयोजित सभा में संघ प्रमुख भागवत ने कहा कि शहीदों के घरवालों का सम्मान उनके जीवन का शुभ दिन है।  

मोहन भागवत ने कहा कि मलखाचक गांव उनके लिए तीर्थाटन है। यह क्षेत्र सत्ता हस्तांतरण का केंद्र रहा है। भारत अब कभी गुलाम होने वाला नहीं है। देश के लिए सर्वस्व त्याग करने वाली इस भूमि को नमन करने का मौका प्राप्त हुआ है। उन्होंने  कहा कि भारत में अभी भी अंग्रेजी शिक्षा व्यवस्था ही है जो आहिस्ता-आहिस्ता ख़त्म हो रही है। इस अवसर पर केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल, राजीव प्रताप रूडी एवं सांसद जनार्दन सिंह सीग्रीवाल मौजूद थें। मोहन भागवत के हाथो सम्मान पाने के पश्चात् स्वतंत्रता सेनानी व उनके परिजन बहुत खुश दिखाई दे रहे थे। सभी ने एक स्वर से कहा कि आज उन्हें सही मायने में सम्मान मिला है। सबने गांव में पधारने के लिए मोहन भागवत का धन्यवाद दिया।

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